सिद्धि 2.0 लॉन्च: आयुर्वेद अनुसंधान और उद्योग सहयोग को मिली नई रफ्तार
नई दिल्ली, 26 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने बुधवार को विजयवाड़ा में सिद्धि 2.0 सीसीआरएएस कार्यक्रम लॉन्च किया। इस दौरान ‘आयुर्वेद सिद्ध यूनानी औषध विनियमन का विकास’ पुस्तक जारी हुई और द्रव्य सूची प्रबंधन प्रणाली पोर्टल का भी लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम में सीसीआरएएस महानिदेशक प्रो. वैद्य राबिनारायण आचार्य, आंध्र प्रदेश के आयुष निदेशक के. दिनेश कुमार, डॉ. एन. श्रीकांत, उद्योग प्रतिनिधि किरण भूपतिराजू और अन्य विशेषज्ञ शामिल हुए।
आयुर्वेद की वैश्विक स्वीकार्यता बढ़ाने पर जोर
प्रो. आचार्य ने कहा कि आजकल जीवनशैली रोग तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए आयुर्वेद का स्वास्थ्य आधारित दृष्टिकोण और महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि एसपीएआरके, स्मार्ट और शोध पद्धति कार्यक्रम जैसे कदम युवा शोधकर्ताओं के लिए बड़े अवसर बना रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सिद्धि 2.0 सीसीआरएएस कार्यक्रम उद्योग के साथ संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देगा और इससे बनने वाली बौद्धिक संपदा का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करेगा।
उद्योग और शिक्षा को जोड़ेगा सिद्धि 2.0
आंध्र प्रदेश के आयुष निदेशक दिनेश कुमार ने राज्य में आयुर्वेद कॉलेजों और औषध निर्माण इकाइयों की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सिद्धि 2.0 शोध, शिक्षा और उत्पादन को एक मंच पर लाता है।
सीसीआरएएस के उप महानिदेशक डॉ. एन. श्रीकांत ने बताया कि परिषद 150 से अधिक आयुर्वेदिक सूत्रों का वैज्ञानिक मूल्यांकन कर चुकी है। यह डेटा अब उद्योगों के लिए उपलब्ध है, जिससे गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित उत्पाद तैयार होंगे।
आधुनिक तकनीक से जुड़ेगा आयुर्वेद
उद्योग प्रतिनिधि किरण भूपतिराजू ने आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और निर्माण तकनीकों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता बताई। सीआईआई चेयरपर्सन डॉ. नागलक्ष्मी ने कहा कि यह सहयोग रोजगार और नवाचारों के नए रास्ते खोलेगा।




