कोकराझार (असम), 4 अप्रैल (हि.स.)। देश के अन्य हिस्सों की तरह कोकराझार जिले के फकीराग्राम में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व चैती छठ पूजा का आज सफल समापन हो गया।
चार दिवसीय महापर्व के दौरान भगवान भास्कर की आराधना में सम्पूर्ण भारत के साथ साथ असम के कोकराझार जिला के लोग भी डूबे रहे। घाटों पर व्रतियों, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। इस मौके पर छठ घाटों पर की गई आकर्षक साज-सज्जा का दृश्य काफी मनोहारी लग रहा था। शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रतियों ने ३६ घंटे से जारी निर्जला उपवास तोड़ा।
कोकराझार जिले फकीराग्राम हेल नदी के घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी। इससे पहले गुरुवार की शाम को छठ घाटों पर व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। अर्घ्य के दौरान व्रतधारी महिलाएं-पुरुष जल में काफी देर तक हाथ जोड़े खड़े रह कर सूर्य की आराधना की और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।
सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिए पूजा समितियों द्वारा छठ घाटों को आकर्षक साज-सज्जा के तहत सजाने के साथही कई प्रकार के इंतजाम किए किए गए थे, ताकि व्रतियों को कोई कठिनाई न हो। अर्घ्य अर्पित करने के बाद घाटों पर सुहागिन महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। पूजा संपन्न होने के बाद छठ का प्रसाद पाने के लिए भी लोगों की काफी भीड़ देखी गई। छठ घाटों पर सुबह चार बजे से ही व्रतियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। लोकआस्था का महान पर्व चैत्री छठ श्रद्धा एवं भक्ति भरे वातावरण में संपन्न हो हो गया।
वहीं फकीराग्राम छठ पूजा समिति के अध्यक्ष सुदर्शन कानू ने मीडिया से बात करते हुए छठ पूजा के महत्व के बारे में बताने के साथ साथ बोडोलैंड वासियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि सभी समुदाय शांति और सद्भावना के साथ एक साथ मिलकर रहें।