देवभूमि में गूंजे छठी मैया के गीत
देवभूमि उत्तराखंड में छठ महापर्व उत्तराखंड पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। चार दिनों तक चले इस पावन पर्व का समापन मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ।
घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश समेत तमाम गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने रातभर छठी मैया के गीत गाए और पूजा-अर्चना की। सोमवार शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने निर्जला उपवास किया और आज प्रातः काल उदीयमान सूर्य को जल अर्पित कर व्रत का पारण किया।
मुख्यमंत्री और अधिकारियों ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी श्रद्धालुओं को छठ पर्व की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह पर्व श्रद्धा, संयम और सूर्य उपासना का अद्भुत उदाहरण है। वहीं, मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने प्रेमनगर स्थित टोंस नदी के तट पर परिवार संग अर्घ्य अर्पित कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
प्रदेशभर में मनाया गया पर्व
हरिद्वार के हर की पौड़ी, देहरादून के आसन बैराज और ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर छठ पूजा की विशेष रौनक रही। हजारों श्रद्धालुओं ने घाटों पर दीप जलाए और सूर्य देव से परिवार की समृद्धि, आरोग्य और सुख की प्रार्थना की।
लोक आस्था और एकता का पर्व
छठ महापर्व उत्तराखंड में अब केवल बिहार या पूर्वी भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह लोक आस्था और सामाजिक एकता का प्रतीक बन चुका है। सूर्य उपासना का यह पर्व उत्तराखंड की धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान में नई ऊर्जा का संचार कर रहा है।




