मुरादाबाद में छठ पूजा का भव्य समापन
पीतलनगरी मुरादाबाद छठ पूजा के रंग में तीन दिनों तक डूबी रही। मंगलवार को महापर्व के चौथे और अंतिम दिन श्रद्धालु महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे का निर्जल व्रत पूर्ण किया। घाटों, सरोवरों और घरों की छतों पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी रही।
घाटों पर गूंजे लोकगीत और भक्ति गीत
रामगंगा नदी घाट, अमृत सरोवर, गांगन नदी और विभिन्न पार्कों में महिलाओं ने ठेकुआ, फल और गन्ने से सजी टोकरी लेकर पूजा की। भक्ति से ओतप्रोत माहौल में “छठी मईया ममता-दुलार” और “भूल-चूक गलती हमार” जैसे लोकगीत गूंजते रहे। सूर्योदय के साथ ही श्रद्धालुओं ने जल में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया।
पूर्वांचल और बिहार की महिलाओं की विशेष भागीदारी
मुरादाबाद छठ पूजा में बिहार और पूर्वांचल की करीब 20 हजार महिलाओं ने हिस्सा लिया। शहर के प्रमुख पूजा स्थलों — सीएल गुप्ता हॉस्पिटल घाट, अमृत सरोवर, आदर्श नगर और छठ मइया पार्क में सामूहिक कार्यक्रम आयोजित हुए।
प्रशासन ने की विशेष व्यवस्था
नगर प्रशासन ने घाटों पर रोशनी, सुरक्षा और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की थी। शाम होते-होते जब सूर्यास्त हुआ तो श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को भी अर्घ्य देकर छठ मैया से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
मुरादाबाद छठ पूजा का यह दृश्य आस्था, अनुशासन और सामाजिक एकता का प्रतीक बना। लोकगीतों और भक्ति के इस संगम ने पूरे शहर को धार्मिक रंग में रंग दिया।




