🌅 उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ लोक आस्था का महापर्व छठ
मीरजापुर में छठ पूजा का पर्व मंगलवार सुबह अपने चरम पर पहुंच गया। कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि पर हजारों श्रद्धालु और व्रती महिलाएं गंगा तटों पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने पहुँचीं। पक्का घाट, दाऊजी घाट, नारघाट और संकठा घाट पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
🌞 जयकारों से गूंजे घाट
सूर्य नारायण के उदय होते ही वातावरण “जय छठी मैया”, “हर हर महादेव” और “जय सूर्य नारायण भगवान” के जयकारों से गूंज उठा। महिलाएं गंगा जल में खड़ी होकर कलश, नारियल और फल-ठेकुआ से अर्घ्य अर्पित करती नजर आईं। दीपों की रोशनी और छठ गीतों ने माहौल को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया।
🪔 परंपरा और उत्साह से भरा माहौल
छठ पूजा के दौरान ढोल-नगाड़ों और डीजे की धुनों पर पारंपरिक गीत “केतकी के फूल, भुइया फूले ना…” गूंजते रहे। महिलाएं और बच्चे नाचते-गाते हुए मां गंगा की आराधना में लीन दिखे। कई व्रती महिलाएं मनौती पूरी होने पर दंडवत यात्रा करते हुए घाट तक पहुँचीं।
👩👧 मातृत्व और श्रद्धा का संगम
सूर्य देव की कृपा से संतान प्राप्त करने वाली माताएं अपने बच्चों को गोद में लेकर अर्घ्य देने पहुँचीं। छठ पूजा के इस दृश्य ने घाटों पर मातृत्व और भक्ति का अनोखा संगम प्रस्तुत किया। चेहरे पर आस्था, संतोष और सूर्य आराधना का प्रकाश झलकता रहा।




