📍 कोलकाता, 16 जून (हि.स.) — स्वतंत्रता संग्राम सेनानी देशबंधु चित्तरंजन दास की पुण्यतिथि के अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर मुख्यमंत्री ने देशबंधु के राजनीतिक, सामाजिक और कानूनी योगदान को याद किया।
🕊️ “विलक्षण व्यक्तित्व थे देशबंधु”
मुख्यमंत्री ने लिखा कि चित्तरंजन दास न केवल ‘सर्वभारतीय नेता’ थे, बल्कि वे हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक, निडर वकील, सुभाष चंद्र बोस के प्रेरणास्त्रोत, और कोलकाता नगर निगम के पहले महापौर भी रहे। उन्होंने कहा कि उनका योगदान बंगाल और भारत की राजनीतिक चेतना में हमेशा अमिट रहेगा।
🛕 देशबंधु स्मृति स्थल का पुनरुद्धार
ममता बनर्जी ने यह भी उल्लेख किया कि कोलकाता स्थित केओरातला महाश्मशान में देशबंधु की समाधि पर बना स्मृति-सौध उनके शासनकाल में ही पुनः संरक्षित और जीर्णोद्धारित किया गया। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के लिए गौरव की बात बताया और कहा कि यह स्मृति-सौध आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
🇮🇳 देशबंधु का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
- देशबंधु चित्तरंजन दास का जन्म 5 नवंबर 1870 को कोलकाता में हुआ था।
- वे एक प्रखर वकील, संवेदनशील कवि, और राजनीतिक दूरदृष्टा थे।
- 1908 में अलीपुर बम कांड में उन्होंने अरविंद घोष की कानूनी पैरवी की।
- 1920 में उन्होंने गांधी जी के असहयोग आंदोलन को बंगाल में जनांदोलन का रूप दिया।
- 1923 में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर स्वराज पार्टी की स्थापना की।
🕯️ महात्मा गांधी ने दी थी श्रद्धांजलि
देशबंधु का 16 जून 1925 को दार्जिलिंग में निधन हो गया था। महात्मा गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा था:
“देश ने एक असाधारण आत्मा को खो दिया है।”