📍 लखनऊ, 09 जून (हि.स.)
उत्तर प्रदेश सरकार ने विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण पहल की है। राज्य के प्रगतिशील किसानों को अब खरीफ सीजन (2025) के लिए सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा और रागी जैसे मोटे अनाजों के बीज नि:शुल्क दिए जा रहे हैं। इस अभियान में 4.58 लाख मिनी किट वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है।
🌾 क्यों है मोटा अनाज जरूरी?
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि:
- पहले हरित क्रांति से पहले मोटे अनाज ग्रामीण भारत की मुख्य खपत का हिस्सा थे।
- 1962 में प्रति व्यक्ति खपत 33 किलोग्राम थी, जो 2010 में घटकर 4 किलोग्राम रह गई।
- इन अनाजों को कभी “कुअन्न” कहा गया, लेकिन वास्तव में इनमें डायटरी फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं।
- ये कम सिंचाई, कम खाद, और प्रतिकूल जलवायु में भी उगते हैं और लंबे समय तक भंडारण योग्य होते हैं।
🧪 तकनीक और स्टार्टअप्स को बढ़ावा
- IIMR हैदराबाद ने न्यूट्री हब टेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर के जरिए 500+ रेसिपी विकसित की हैं।
- 150+ नई किस्मों को विकसित किया गया है, जिनमें से 10 में अतिरिक्त पोषण और 9 में बायोफोर्टिफाइड पोषण हैं।
- मोटे अनाज पर आधारित स्टार्टअप्स को सरकार हरसंभव सहयोग दे रही है।
🌱 बीज की अहमियत और भविष्य की योजनाएं
- बीज उत्पादन का 25% योगदान देता है।
- गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार कदम उठा रही है।
- प्रदेश के सभी 9 कृषि जलवायु क्षेत्रों (Agro-Climatic Zones) के अनुकूल बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
- सरकार पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर 5 बीज पार्क भी स्थापित करेगी, जिसमें लखनऊ के रहमान खेड़ा में कार्य शुरू हो चुका है।
👉 योगी सरकार की इस पहल से न केवल पोषण सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा बल्कि किसानों की आय और कृषि उत्पादन में भी सुधार होगा।




