📍 बलरामपुर, 14 जून (हि.स.) – सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष बसंत कुजूर के नेतृत्व में आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने शुक्रवार शाम बलरामपुर जिला कार्यालय पहुँचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
📜 मुख्य मांगें:
- आगामी जाति जनगणना में “आदिवासी धर्म कोड” को अलग से मान्यता दी जाए
- 1871 से 1951 तक आदिवासी धर्म कोड अस्तित्व में था, जिसे बाद में समाप्त कर दिया गया
- आदिवासी धर्म प्राकृतिक पूजा-पद्धति पर आधारित है, इसे मान्यता मिलनी चाहिए
- सुप्रीम कोर्ट के 5 जनवरी 2011 के आदेश का भी ज्ञापन में उल्लेख किया गया
🗣️ ज्ञापन में कहा गया:
“देश में करोड़ों आदिवासी रहते हैं, जिनकी अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान है। लेकिन वर्तमान जनगणना में केवल 6 धर्मों को ही मान्यता दी गई है।”