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बैंकों के एटीएम निकासी शुल्क को महंगा किए जाने की खरगे ने की आलोचना

नई दिल्ली, 29 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैंकों के एटीएम निकासी शुल्क को महंगा किए जाने की तीखी आलोचना की है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया है।

खरगे ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने हमारे बैंकों को ‘कलेक्शन एजेंट’ बना दिया है। एटीएम निकासी शुल्क भी अब एक मई से महंगा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आए दिन बैंक जिस तरीके से अपने शुल्कों में बढ़ोतरी कर रहे हैं, उससे आम नागरिक लुटने को मजबूर है। इस क्रम में उन्होंने कहा कि जो बैंक खाते किसी वजह से खाताधारक ऑपरेट नहीं कर पाता है तो बैंक उससे निष्क्रियता शुल्क के रूप में हर साल 100 से 200 रुपये चार्ज करते हैं।

उन्होंने कहा कि बैंक स्टेटमेंट जारी करने का शुल्क 50 से 100 रुपये है। एसएमएस अलर्ट के लिए प्रति तिमाही 20 से 25 रुपये का शुल्क लिया जाता है। बैंक ऋण प्रसंस्करण शुल्क के रूप में 1 से 3 प्रतिशत शुल्क लेते हैं। यदि ऋण का भुगतान समय पर किया जाता है, तो ऋण पूर्व-समापन शुल्क लगाया जाता है। एनईएफटी, डिमांड ड्राफ्ट शुल्क अतिरिक्त बोझ हैं और केवाईसी अपडेट जैसे हस्ताक्षर परिवर्तन पर भी शुल्क लगता है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने 2018 से 2024 के बीच बचत खातों और जन धन खातों से न्यूनतम शेष राशि न रखने के कारण कम से कम 43,500 करोड़ लोगों की जेब से निकाले हैं। उन्होंने कहा कि पहले केंद्र सरकार संसद में बैंकों के इन शुल्कों से एकत्रित राशि का डेटा उपलब्ध कराती थी लेकिन अब यह प्रथा भी यह कहकर बंद कर दी गई है कि भारतीय रिजर्व बैंक ऐसे डेटा को “मेंटेन नहीं करता” है।

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