Mon, Mar 10, 2025
28 C
Gurgaon

गांव में मजदूर, किसान, व्यापारी, कारीगर सभी के बीच समन्वय : बी. सुंदरन

जयपुर, 7 मार्च (हि.स.)। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर और आरएचआरडी फाउन्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय परिसर में भारत वर्ष में भूमिहीन कृषि मज़दूरों की सामाजिक आर्थिक स्थिति पर संगोष्ठी आयोजित की गई।

संगाेष्ठी के मुख्य वक्ता भारतीय मज़दूर संघ के अखिल भारतीय संगठन मन्त्री बी. सुंदरन ने कहा कि समाज़ के यथार्थ सत्य को समझना ज़रूरी है। गांव में मज़दूर, क़िसान, व्यापारी, कुशल कारीगर सभी के बीच समन्वय है। भारतीय समाज की यही विशेषता है, जिसमें सभी जाति समाज अपनी-अपनी विधाओं में पारंगत होते हैं, ऐसा विश्व में कहीं नहीं है। अपने जीवन में भोजन की आदतों में भी ग्रामीण व्यवस्था झलकनी चाहिए ताकि हम अपने क्षेत्र में ज्वार, बाजरा मोटा अनाज, सांगरी या अन्य विशेष वस्तुएं जो कि उस क्षेत्र को पहचान देती हैं, उन्हीं का उपयोग करें। महानरेगा से परिवारों के अंदर मज़दूर वर्ग को कुछ इकॉनॉमिक ताक़त मिलीं, समाज में सभी नागरिकों को मिलकर कार्य करना है, इसके भी हम सबको प्रेरित करना चाहिए, ज़मीन का उचित वितरण सभी को होना चाहिए।

भारतीय समाज विज्ञान अनुसन्धान परिषद के सीनियर रिसर्च फेलो एवं लेखक डा. धर्मवीर चंदेल भूमिहीन किसानों की समस्याओ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी समस्या आजादी के बाद से बनी हुई है, लेकिन कभी उन पर फोकस नहीं किया। डॉ अंबेडकर ने वायसराय की कौन्सिल में लेबर सचिव के रूप में भूमिहीन किसानों की समस्या के लिए एक आयोग का गठन किया, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण रिपोर्ट ही नहीं आ पाई। उन्होंने कहा कि आज भी भूमिहीन किसानों को सरकारी योजनाओ का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने देश में “गांव की खुशहाली से देश की खुशहाली’ को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि हरिसिंह गौड़ कृषि विश्वविद्यालय सागर कुलाधिपति के. एल. बैरवाल द्वारा आरएचआरडी के माध्यम से सामाजिक सौहार्द स्थापित किए जाने वाले प्रयासों के बारे में जानकारी दी। अध्यक्षता कर रही डॉ. विमला डुकवाल द्वारा सभी अतिथियों किसानों आगंतुक मेहमानों का आभार प्रकट किया गया। संचालन गोमाराम जीनगर ने किया।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...
spot_img

Related Articles

Popular Categories