🕰️ सब कुछ हुआ कुछ ही सेकंड में
Cuddalore के Semmankuppam क्रॉसिंग पर, एक शांत सुबह उस वक़्त बर्बादी में बदल गई जब एक ट्रेन स्कूल वैन से टकरा गई।
- समय: सुबह 7:45
- स्थान: Gate No. 170, Semmankuppam
- प्रभावित: 7 छात्र, 3 मृत, 4 घायल
💔 कौन थे वो मासूम?
- चारुमति (16) – सपना था डॉक्टर बनने का
- सेझियन (15) – अपनी किताबों से सबसे ज़्यादा प्यार
- निमिलेश (12) – जो हर सुबह वैन में सबसे पहले बैठता था
अब ये तीनों कभी स्कूल नहीं जाएंगे।
❗ यह एक हादसा नहीं, एक सिस्टम फेल है
- गेट मैन वहीं था — लेकिन गेट खुला क्यों था?
- ट्रेन को आते देख वैन ड्राइवर ने ब्रेक मारा — पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी
- रेलवे ने गेटकीपर पंकज शर्मा को निलंबित कर दिया — पर क्या इतना काफी है?
🏥 ज़िंदा बचे, लेकिन कैसे?
चार छात्र अभी भी अस्पताल में हैं। कुछ को गंभीर सिर और रीढ़ की चोटें आई हैं। डॉक्टरों ने कहा — “अगर एक सेकंड और देर होती, कोई नहीं बचता।”
⚖️ अब सवाल यह है:
- क्या रेलवे को इतने सालों में कुछ नहीं सिखा?
- क्या 21वीं सदी में भी level crossing गेट्स मानव लापरवाही पर निर्भर रहेंगे?
- क्या ऐसे हादसे मुआवज़े से दब जाएंगे, या व्यवस्था में बदलाव होगा?
🗣️ प्रतिक्रिया और मुआवज़ा
- CM M.K. Stalin ने ₹5 लाख मुआवज़ा घोषित किया
- Southern Railway ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए
- गेट मैन के खिलाफ ड्यूटी में घोर लापरवाही का मामला दर्ज
🔍 निष्कर्ष
तीन मासूम अब नहीं हैं। ट्रेन चली गई। वैन बिखर गई।
पर सवाल वही है – अगली सुबह कौन बचेगा और कौन नहीं, क्या ये भी किस्मत तय करेगी?