- गाजियाबाद पुलिस ने एक अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है।
- बीमा पॉलिसी बेचने के नाम पर यह गिरोह अब तक 4.5 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका था।
कैसे होता था ये साइबर फ्रॉड?
- गिरोह के सदस्य खुद को बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि बताकर लोगों को कॉल करते थे।
- वो पुरानी बीमा पॉलिसी की जानकारी देकर भरोसा जीतते और फिर झूठे लाभ का लालच देकर नई पॉलिसी लेने के लिए कहते।
- लोग उनके बताए खातों में पैसा भेजते और बदले में उन्हें फर्जी बीमा पॉलिसी थमा दी जाती।
पुलिस की कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों में अमन अग्रवाल, राहुल यादव, आफताब, राहुल शर्मा, दीपक, गर्वित त्यागी और जगजीत सिंह शामिल हैं।
इनके पास से 26 मोबाइल, 14 एटीएम कार्ड, दो कारें, और 1.98 लाख कैश बरामद हुआ है।
टेक्नोलॉजी और फर्जी पहचान का इस्तेमाल
- गिरोह केन्वा सॉफ्टवेयर से नकली बीमा पॉलिसी तैयार करता था।
- फर्जी आईडी पर सिम कार्ड लेकर कॉल किए जाते थे।
- पैसे ट्रांसफर के लिए दूसरों के बैंक खाते और एटीएम कार्ड किराए पर लिए जाते थे।
किन राज्यों में हुआ खुलासा?
- अब तक उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र की 9 घटनाएं सामने आई हैं।
- पीड़ितों की शिकायतें NCRP पोर्टल पर दर्ज हैं।
📌 गाजियाबाद पुलिस की इस कार्रवाई से बीमा साइबर फ्रॉड में बड़ा झटका लगा है। ऐसे मामलों से सावधान रहें और किसी अनजान कॉल पर पैसा न भेजें।