कानपुर की क्राइम ब्रांच साइबर सेल ने एक साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह लोगों को पोर्न वीडियो देखने के झूठे आरोप में फंसाकर लाखों की वसूली करता था।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
आई4सी पोर्टल पर इस गिरोह के खिलाफ 66 शिकायतें दर्ज थीं।
साइबर सेल ने खुद शिकायतकर्ता बनकर केस दर्ज किया और फिर जांच शुरू की।
टेक्नोलॉजी की मदद से चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो फरार हैं।
गिरोह का काम करने का तरीका
- राहुल और अमन लोगों को कॉल कर कहते थे कि आपने पोर्न देखा है, जो अपराध है।
- फिर वे खुद को फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर जेल से बचाने के नाम पर पैसे मांगते थे।
- डर के मारे लोग पैसे ट्रांसफर कर देते थे। अब तक 50 लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं।
गिरफ्तार शातिर ठग
- शिवम वर्मा (मास्टरमाइंड)
- अंकित दीक्षित
- गौरव सचान
- कासान
क्या-क्या बरामद हुआ?
- 3 बायोमेट्रिक मशीन
- मिनी एटीएम डिवाइस
- 100+ सिम कार्ड
- 12 बैंक कार्ड
- 38 बैंक अकाउंट किट
- 5 मोबाइल फोन
पुलिस का कहना
डीसीपी एसएम कासिम आबिदी ने कहा कि फरार आरोपी भी जल्द पकड़े जाएंगे।
गिरोह के नेटवर्क को विस्तार से खंगाला जा रहा है।
✅ इस तरह की ठगी से सावधान रहें। कोई भी कॉल आए, तो पहले पुलिस को सूचित करें!