बांध टूटने से संकट और फसल पर असर
पश्चिम मेदिनीपुर के बांकुड़ा जिले में रायपुर इलाके की नहर का बांध टूटने से बांध टूटने से संकट उत्पन्न हुआ है। मुकुटमणिपुर डैम से जल छोड़ना अनिश्चित काल के लिए रोक दिया गया है, जिससे धान की फसल सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है।
किसानों की चिंता
स्थानीय किसानों ने बताया कि धान के पौधों में थोर आने वाला है और इस समय खेतों में पर्याप्त जल होना जरूरी है। जल आपूर्ति रुक जाने से पैदावार पर गंभीर असर पड़ेगा। किसानों ने सिंचाई विभाग की निगरानी में कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि समय रहते देखरेख होती तो यह स्थिति नहीं आती।
विभाग की प्रतिक्रिया
सिंचाई विभाग के अधिकारी ने माना कि मरम्मत कार्य में देरी हुई, लेकिन अब इसे तेजी से पूरा किया जा रहा है। बांध टूटने के कारण नियत समय से पहले जल आपूर्ति रोकनी पड़ी। फिलहाल मरम्मत कब पूरी होगी और जलप्रवाह कब पुनः चालू होगा, यह स्पष्ट नहीं है।
प्रभावित परिवारों को राहत
श्यामसुंदरपुर क्षेत्र के तीन गांव जलमग्न हो गए थे। अब तक 31 परिवारों के 141 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और प्राथमिक विद्यालय, पुस्तकालय व आंगनवाड़ी केंद्रों में आश्रय दिया गया। वहां भोजन, टिफिन और पेयजल की व्यवस्था भी की गई।
फसल नुकसान और बीमा प्रक्रिया
नहर टूटने से लगभग 440 हेक्टेयर में लगी अमन धान की फसल नष्ट हुई है। प्रभावित किसानों को ‘बांग्ला शस्यबीमा योजना’ के तहत मदद देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। जिलाधिकारी सैयद एन ने कहा कि जिन घरों में रहना असंभव है, उन्हें राहत शिविरों में रखा जाएगा।
राहत और पुनर्वास
ब्लॉक प्रशासन को आवश्यक राहत और पुनर्वास कार्यों के निर्देश दिए गए हैं। मरम्मत कार्य और जलप्रवाह पुनः चालू होने तक किसानों और प्रभावित परिवारों की निगरानी जारी रहेगी।