असम के संगीत जगत में शोक की लहर
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक दीपक शर्मा के निधन की खबर से असम और देश के सांस्कृतिक जगत में गहरा शोक फैल गया है। उनके निधन पर असम भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और गुवाहाटी की सांसद बिजुली कलिता मेधी सहित कई प्रमुख नेताओं ने दुख व्यक्त किया।
सांस्कृतिक विरासत के संवाहक
दीपक शर्मा का जन्म 23 अगस्त 1968 को नलबाड़ी जिले के पानीगांव में हुआ था। वे गुवाहाटी के अंबिकागिरी नगर के निवासी थे। उनकी मधुर बांसुरी की धुन ने न केवल असम, बल्कि पूरे देश में संगीत प्रेमियों के दिलों को छू लिया था।
नेताओं ने जताया गहरा दुख
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने कहा कि दीपक शर्मा ने असम और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनका निधन संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि दीपक शर्मा का जाना असम की संस्कृति के लिए गहरा आघात है। उन्होंने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
संस्कृति के सच्चे राजदूत
गुवाहाटी की सांसद बिजुली कलिता मेधी ने कहा कि दीपक शर्मा ने अपनी बांसुरी की मधुर धुनों से दुनिया भर में असम की पहचान बनाई। वे असम की संस्कृति के सच्चे राजदूत थे।
संगीत प्रेमियों की आंखें नम
चेन्नई जाने से पहले वे गुवाहाटी के नेमकेयर अस्पताल में इलाज करा रहे थे। उनके निधन से असम में शोक की लहर दौड़ गई है। बांसुरी वादक दीपक शर्मा को संगीत प्रेमी हमेशा उनकी अद्भुत कला और विनम्र स्वभाव के लिए याद रखेंगे।




