दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला आज
दिल्ली हाई कोर्ट 7 जुलाई 2025 को तुर्की की कंपनी सेलेबी एविएशन होल्डिंग की याचिका पर फैसला सुनाएगा,
जिसमें उसने अपनी सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी है।
- मामला: ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने 15 मई 2025 को राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर सेलेबी की सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द की।
- प्रभाव: दिल्ली, मुंबई, और अन्य 9 भारतीय हवाई अड्डों पर सेलेबी के कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द, 3,791 नौकरियों पर खतरा।
- जज: जस्टिस सचिन दत्ता ने 23 मई 2025 को सुनवाई पूरी कर फैसला रिजर्व किया था।
सिक्योरिटी क्लीयरेंस विवाद: क्या है मामला?
CAH भारत में 2007 से ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सेवाएं दे रही है।
- ऑपरेशंस: दिल्ली, मुंबई, कोचीन, कन्नूर, बेंगलुरु, गोवा, हैदराबाद, अहमदाबाद, और चेन्नई हवाई अड्डों पर 58,000 उड़ानें और 5.4 लाख टन कार्गो हैंडल करता है।
- रद्द करने की वजह: BCAS ने तुर्की के पाकिस्तान समर्थन और भारत के खिलाफ बयानों के बाद “राष्ट्रीय सुरक्षा” का हवाला दिया।
- पहलगाम आतंकी हमला: मई 2025 में तनाव के बाद तुर्की द्वारा पाकिस्तान समर्थित ड्रोन का इस्तेमाल, भारत ने इसे खतरा माना।
सेलेबी की दलील
सेलेबी ने दिल्ली हाई कोर्ट में सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द करने को “मनमाना” और “अनुचित” बताया।
- मुख्य तर्क:
- 17 साल से भारत में बिना किसी शिकायत के काम, 3,791 भारतीय कर्मचारी।
- कोई प्रायर नोटिस या सुनवाई का मौका नहीं दिया गया, जो Aircraft Security Rules, 2023 के नियम 12 का उल्लंघन है।
- “पब्लिक परसेप्शन” के आधार पर कार्रवाई, कोई ठोस सबूत नहीं।
- स्वामित्व: सेलेबी ने स्पष्ट किया कि 65% हिस्सेदारी अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के पास है, तुर्की के कैन और कनन सेलेबीओग्लू के पास 17.5% हिस्सा, और तुर्की राष्ट्रपति की बेटी सुमेय्या एर्दोगन का कोई स्वामित्व नहीं।
केंद्र सरकार की दलील
केंद्र सरकार ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के जरिए सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द करने का बचाव किया।
- राष्ट्रीय सुरक्षा: खुफिया इनपुट्स के आधार पर सेलेबी की गतिविधियां जोखिम भरी, खासकर पैसेंजर और कार्गो हैंडलिंग में।
- प्लेनरी पावर: सरकार के पास राष्ट्रीय और एविएशन सुरक्षा के लिए बिना नोटिस रद्द करने का अधिकार।
- सील्ड कवर: गोपनीय दस्तावेज कोर्ट को सौंपे, लेकिन सार्वजनिक करना “खतरनाक” बताया।
- तर्क: “दुश्मन को 10 बार में एक बार सफलता चाहिए, देश को हर बार।”
संभावित परिणाम
दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला निम्नलिखित पर निर्भर करेगा:
- नैचुरल जस्टिस: क्या सेलेबी को सुनवाई का मौका देना जरूरी था?
- राष्ट्रीय सुरक्षा: क्या सरकार के खुफिया इनपुट्स पर्याप्त हैं?
- प्रभाव: सेलेबी के कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द होने से दिल्ली (DIAL), मुंबई (MIAL), और अडानी हवाई अड्डों पर नए ऑपरेटर्स (IndoThai, AIASL) ने कार्यभार संभाला।
क्या होगा आगे?
- अगर कोर्ट सेलेबी के पक्ष में फैसला देता है, तो सिक्योरिटी क्लीयरेंस बहाल हो सकता है, जिससे कॉन्ट्रैक्ट्स फिर शुरू हो सकते हैं।
- अगर सरकार के पक्ष में फैसला आता है, तो सेलेबी की भारत में ऑपरेशंस बंद हो सकती हैं, जिससे 33.8% रेवेन्यू ($195 मिलियन, 2024) प्रभावित होगा।
- सेलेबी ने मद्रास और बॉम्बे हाई कोर्ट में भी याचिकाएं दायर की हैं।
- क्या सेलेबी भारत में अपनी सेवाएं बरकरार रख पाएगा?
दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला सेलेबी और भारतीय एविएशन सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण है। क्या होगा नतीजा? अपडेट्स के लिए बने रहें!