इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड सिंडিকেট का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (हि.स.)। दक्षिण-पश्चिम जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक संगठित इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का पर्दाफाश करते हुए तीन मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को विदेश में आकर्षक नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करता था और अब तक 1.80 लाख रुपये वसूल चुका था। गिरफ्तार आरोपित गुजरात, पश्चिम बंगाल और हरियाणा के रहने वाले हैं। गिरोह में एक बैंककर्मी भी शामिल था, जो उनके लिए फर्जी खाते खोलता था।
कैसे खुला पूरा मामला
पुलिस उपायुक्त अमित गोयल के अनुसार शिकायतकर्ता ए.के. सहाय कोविड काल में नौकरी खो चुके थे और विदेश में रोजगार तलाश रहे थे। इसी दौरान उन्हें एक व्हाट्सऐप ग्रुप से “एडुटेक कंसल्टेंट” नाम से न्यूज़ीलैंड में शेफ की नौकरी का ऑफर मिला। आरोपितों ने फर्जी वीज़ा, कंपनी रजिस्ट्रेशन और टिकट भेजकर भरोसा जीत लिया, जिसके बाद पीड़ित ने 1.80 लाख रुपये जमा कर दिए। बाद में जांच में दस्तावेज फर्जी निकले।
पुलिस की तकनीकी जांच
ठगी की राशि जिन खातों में भेजी गई, उनकी लेयरिंग जांच करने पर पता चला कि पैसा कई म्यूल खातों में घुमाया गया। मोबाइल लोकेशन और बैंक ट्रांजैक्शन से गिरोह का नेटवर्क गुजरात, गुरुग्राम और कोलकाता तक फैला मिला।
गिरफ्तारी का सिलसिला
- पहला आरोपित केतन दीपक कुमार ऋषिकेश से गिरफ्तार
- उसकी निशानदेही पर दूसरा आरोपित संजीव मंडल कोलकाता से पकड़ा गया
- तीसरा आरोपित रवि कुमार मिश्रा, असिस्टेंट बैंक मैनेजर, हरियाणा से गिरफ्तार
गिरोह का तरीका
संजीव मंडल फर्जी नाम से नौकरी का ऑफर भेजता था। केतन विभिन्न लोगों से बैंक खाते जुटाता था, जबकि बैंक अधिकारी मिश्रा अवैध खाते खोलकर गिरोह को सौंपता था। पुलिस ने इनके कब्जे से 6 मोबाइल, 2 लैपटॉप और 50,000 रुपये नकद बरामद किए हैं।




