आस्था और भक्ति का दीपोत्सव फिर जगमगाएगा मध्य प्रदेश
भोपाल, 31 अक्टूबर (हि.स.)। देव प्रबोधिनी एकादशी के अवसर पर मध्य प्रदेश एक बार फिर भक्ति और आस्था के दीपों से उजाला फैलाएगा। इस दिन प्रदेश के रामपथगमन क्षेत्र में 3,51,111 दीपों का भव्य दीपोत्सव आयोजित होगा। यह आयोजन श्रद्धा, संस्कृति और लोकपरंपरा का अद्भुत संगम बनेगा।
70वां स्थापना दिवस और जागृति का पर्व
राज्य में इस वर्ष 70वां स्थापना दिवस “अभ्युदय मध्य प्रदेश” थीम के साथ मनाया जा रहा है। इसी क्रम में 1 नवंबर 2025 को कार्तिक शुक्ल एकादशी की संध्या पर नौ पवित्र स्थलों पर एक साथ दीप जलेंगे, जो देव प्रबोधिनी एकादशी दीपोत्सव का प्रतीक होंगे।
नौ पवित्र स्थलों पर दिव्य आयोजन
अमरकंटक, चित्रकूट, मैहर, नर्मदापुरम्, कटनी, पन्ना, उमरिया और शहडोल जैसे धार्मिक स्थलों पर लाखों दीप प्रज्ज्वलित होंगे। माँ नर्मदा, मंदाकिनी और अन्य पवित्र नदियों के तटों पर यह दीप आराधना होगी। हर स्थल पर आरती, भजन और लोकसंगीत से वातावरण भक्ति रस में डूबेगा।
संस्कृति और श्रद्धा का संगम
रामपथगमन न्यास के सीईओ एन.पी. नामदेव ने बताया कि यह आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुभूति देने वाला पर्व है। जब दीपों की रश्मि नदियों के जल में झिलमिलाएगी, तो दृश्य ऐसा लगेगा मानो धरती पर तारों की वर्षा हो रही हो।
समाज में जागृति का प्रतीक
देव प्रबोधिनी एकादशी दीपोत्सव केवल पूजा नहीं, बल्कि संस्कृति का पुनर्जागरण है। यह पर्व समाज को जागृत करता है—हर मन में राम के आदर्शों की लौ जलाने का संदेश देता है।


 
                                    