बलरामपुर, 22 सितंबर (हि.स.) – 51 शक्तिपीठों में शामिल देवीपाटन मंदिर, अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर आज से 15 दिवसीय राजकीय मेला शुरू हो गया है। भोर से ही भक्तों की भारी भीड़ मंदिर और मेला परिसर में उमड़ पड़ी। श्रद्धालु पवित्र सरोवर और कुंड में स्नान कर मां पाटेश्वरी जी के दर्शन पूजन कर रहे हैं।
सुरक्षा और व्यवस्थाएं
- मंदिर और मेला परिसर में साफ-सफाई और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
- विद्युत विभाग पूरे क्षेत्र को 24 घंटे कटौती मुक्त रखेगा।
- परिसर में 100 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनके माध्यम से निगरानी की जा रही है।
- पीठाधीश्वर मिथलेश नाथ योगी स्वयं व्यवस्थाओं की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
- देवीपाटन में मां सती का वाम स्कंध गिरा था, और इसी के नाम पर यह क्षेत्र देवीपाटन कहलाया।
- महाभारत काल के दानवीर राजा कर्ण भी यहां तपस्या और सूर्य पूजन किया करते थे।
- यह पीठ महायोगी गुरु गोरक्षनाथ की तपोस्थली भी रही है।
- अखंड धूनी और काल भैरव की प्रतिमा यहां की प्रमुख धार्मिक पहचान हैं।
मेले और नवरात्रि आयोजन
- शारदीय नवरात्रि में 15 दिन, चैत्र नवरात्रि में एक माह का बृहद मेला लगता है।
- मंदिर और मेला का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व देखते हुए प्रदेश सरकार ने इसे राजकीय मेले का दर्जा दिया है।
- श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन के साथ पूरी तैयारी की गई है।
पीठाधीश्वर मिथलेश नाथ योगी ने बताया कि पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का आवागमन बना रहता है, लेकिन नवरात्रि के अवसर पर विशेष सावधानी और व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है।