नई दिल्ली, 10 मार्च (हि.स.)। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) अतुल गोयल ने सोमवार को इंडियन प्रीमियर
लीग (आईपीएल) चेयरमैन अरुण सिंह धूमल को तंबाकू और शराब के विज्ञापनों के विनियमन के लिए पत्र लिखा है। इसमें आईपीएल सीजन के दौरान
सरोगेट विज्ञापन और बिक्री शामिल है।
पत्र में लिखा गया है कि भारत में इस समय डायबिटीज, फेफड़ों की बीमारियां और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। तंबाकू और शराब का सेवन इन बीमारियों के बढ़ने की प्रमुख वजह हैं। तंबाकू से होने वाली सबसे ज्यादा मौतों में भारत दूसरे स्थान पर आता है। शराब की वजह से भारत में प्रत्येक वर्ष 14 लाख लोग दम तोड़ते हैं। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी खेल टूर्नामेंट के दौरान शराब और तंबाकू के प्रचार प्रसार पर रोक लगाने कि सिफारिश की थी।
डीजीएचएस ने लिखा कि इस साल आईपीएल सीज़न 22 मार्च 2025 से शुरू हो रहा है। आईपीएल भारत का सबसे अधिक देखा जाने वाला खेल आयोजन है। खेल से जुड़े किसी भी मंच पर तम्बाकू/शराब का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रचार स्वास्थ्य और फिटनेस के बारे में जनता को एक विरोधाभासी संदेश संप्रेषित करता है।
पत्र में आईपीएल को लिखा गया कि स्टेडियम परिसर में, जहां खेल और संबंधित आईपीएल खेल आयोजित किए जाते हैं, साथ ही राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारण सत्रों के दौरान सरोगेट विज्ञापनों सहित सभी प्रकार के तम्बाकू/शराब के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। इसके साथ सभी संबद्ध आयोजनों और खेल सुविधाओं में तम्बाकू/शराब उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। खिलाड़ियों (कमेंटेटर सहित) के प्रचार को हतोत्साहित करना चाहिए जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शराब या तम्बाकू से जुड़े उत्पादों का समर्थन करते हैं।
पत्र में कहा गया है कि क्रिकेट खिलाड़ी स्वस्थ, सक्रिय जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं। आईपीएल पर देश का सबसे बड़ा खेल मंच होने के नाते सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और सरकार की स्वास्थ्य पहलों का समर्थन करने का सामाजिक और नैतिक दायित्व है।