📍 देहरादून, 15 जून (हि.स.)
उत्तराखंड में हालिया हेलीकॉप्टर दुर्घटना में पायलट समेत सात लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संवेदनशील मुद्दे पर तत्काल और कठोर कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने हेलीकॉप्टर संचालन से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को पुनः मूल्यांकन कर एक सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने का आदेश दिया है।
✈️ मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों के मुख्य बिंदु:
- हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की उड़ान से पहले पूर्ण जांच अनिवार्य होगी।
- मौसम की सटीक जानकारी लेने के बाद ही उड़ान की अनुमति दी जाएगी।
- एक तकनीकी विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा, जो सभी सुरक्षा व तकनीकी पहलुओं की समीक्षा कर एसओपी तैयार करेगी।
- पूर्व में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की जांच कर रही उच्च स्तरीय समिति को वर्तमान हादसे की भी जांच सौंपी गई है।
- दोषी संस्थाओं या व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
🕊️ केदारनाथ हादसे की पृष्ठभूमि:
रविवार सुबह केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा एक हेलीकॉप्टर खराब मौसम के चलते गौरी माई खर्क (गौरीकुंड के ऊपर) क्रैश हो गया।
- 7 लोगों की मौत हुई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल था।
- प्रारंभिक रिपोर्ट में खराब मौसम को दुर्घटना का कारण बताया गया है।
🛫 हेली सेवाओं का महत्व उत्तराखंड में:
मुख्यमंत्री ने कहा कि—
“उत्तराखंड में हेली सेवाएं तीर्थयात्रियों, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं के लिए जीवनरेखा हैं, इसलिए इनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
🔍 भविष्य की योजना:
- हेली ऑपरेशंस में शामिल निजी कंपनियों पर निगरानी बढ़ेगी।
- हर उड़ान से पहले मौसम की वैज्ञानिक समीक्षा जरूरी होगी।
- एसओपी में पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रावधान जोड़े जाएंगे।