🗓️ हिसार, 14 जून (हि.स.) — हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में छात्रों और प्रशासन के बीच जारी टकराव ने शुक्रवार को भी गंभीर रूप ले लिया। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा वार्ता की अपील को छात्रों ने ठुकरा दिया, वहीं घटनास्थल पर पहुंच रहे राजनीतिक दलों के नेताओं के कारण यह आंदोलन अब राजनीतिक रंग भी लेने लगा है।
🔥 धरने का दूसरा दिन, छात्रों की मांगें कायम
- मंगलवार रात लाठीचार्ज की घटना के विरोध में छात्रों ने बुधवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था।
- छात्रों की प्रमुख मांगें:
- रजिस्ट्रार, प्रोफेसर, और सिक्योरिटी इंचार्ज को निलंबित किया जाए।
- लाठीचार्ज में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई और गिरफ्तारी की जाए।
- छात्र प्रशासन की 15 दिन की जांच अवधि पर भी सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि “इस दौरान छुट्टियां पड़ जाएंगी और मामला दबा दिया जाएगा।”
🗣️ प्रशासन की वार्ता की अपील, छात्रों ने नकारा
- एचएयू के कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.के. पाहुजा ने वीडियो संदेश जारी कर छात्रों से संवाद की अपील की।
- डॉ. पाहुजा ने कहा, “बिना टेबल पर बातचीत के समाधान संभव नहीं है।”
- लेकिन छात्रों ने वार्ता से इनकार करते हुए कहा कि जब तक दोषियों पर सीधी कार्रवाई नहीं होती, वे पीछे नहीं हटेंगे।
👥 राजनीतिक हस्तक्षेप से आंदोलन को मिला बल
- कांग्रेस विधायक नरेश सेलवाल और चन्द्रप्रकाश धरनास्थल पहुंचे, छात्रों से मुलाकात कर उनका समर्थन जताया।
- उन्होंने घायल छात्रों का हाल भी जाना और कहा कि यह मुद्दा विधानसभा में उठाया जाएगा।
- इनेलो से रानियां विधायक अर्जुन चौटाला और संगठन सचिव उमेद सिंह लोहान ने भी छात्रों के आंदोलन को न्यायसंगत ठहराया और समर्थन का भरोसा दिया।
- छात्रों को समर्थन देने पहुंचे नेता लाठीचार्ज की घटना को निंदनीय बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
🏥 घायल छात्र अभी भी अस्पताल में भर्ती
- लाठीचार्ज में घायल छात्र नागरिक अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
- प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर लगातार संवाद की कोशिश में लगे हैं, लेकिन छात्रों की नाराजगी और अविश्वास की दीवार बनी हुई है।