बलरामपुर, 17 जून (हि.स.) — जिले के सबसे बड़े शहर रामानुजगंज में आज भी नागरिकों को 45 वर्ष पुरानी निष्क्रिय पेयजल प्रणाली के जरिए जल आपूर्ति की जा रही है। यह कच्चा नदी जल है, जिसे बिना पूरी तरह से शुद्ध किए लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। बरसात के दिनों में यह पानी मटमैला हो जाता है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
⚠️ फेल हो चुका जैकवेल, नहीं है कोई वैकल्पिक ठोस योजना
सन 1979-80 में बनी योजना के तहत नदी के बीच बने जैकवेल से पानी को लिफ्ट कर फिल्टर प्लांट के माध्यम से शुद्ध किया जाता था। लेकिन अब वह जैकवेल फेलियर घोषित हो चुका है। दो नए जैकवेल भी बनाए गए हैं, लेकिन वे भी कारगर साबित नहीं हो रहे हैं।
🚱 फिल्टर प्लांट भी निष्क्रिय, तकनीकी स्टाफ की भारी कमी
फिल्टर प्लांट के सारे सिस्टम बंद या खराब हालत में हैं। तकनीकी कर्मचारियों का प्रशिक्षण वर्षों से नहीं हुआ है और पीएचई विभाग की उदासीनता भी स्पष्ट दिख रही है। ऐसे में नगरपालिका और पीएचई विभाग की समन्वयहीनता के चलते नागरिकों को स्वच्छ जल नहीं मिल पा रहा है।
🏛️ प्रशासन को अवगत कराया गया: CMO
मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुधीर कुमार ने जानकारी दी कि पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता को समस्या से अवगत कराया गया है। उन्होंने इंटक वेल और नए फिल्टर प्लांट के निर्माण हेतु योजना बनाकर शासन को भेजने की बात कही है। स्वीकृति मिलते ही काम प्राथमिकता पर शुरू किया जाएगा।