दुर्गा प्रसाई ने किया बड़ा खुलासा
काठमांडू में राजशाही प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले दुर्गा प्रसाई ने सोमवार को दावा किया कि 28 मार्च को हुए तिनकुने विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारियों को उनके एनकाउंटर का निर्देश मिला था। प्रसाई इस हिंसक घटना के मुख्य आरोपित हैं और इस समय जमानत पर बाहर हैं।
भारत और नेपाल में सुरक्षा खतरे
प्रसाई ने कहा कि अगर वे भारत नहीं गए होते तो पुलिस अब तक उन्हें एनकाउंटर कर चुकी होती। भारत के असम में भी उन्हें पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने नेपाल पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। उनके अनुसार सादे कपड़ों में पुलिस की टीम कई स्थानों पर उन्हें मारने के लिए तैनात थी।
हिंसक आंदोलन के पीछे योजना
दुर्गा प्रसाई ने आरोप लगाया कि नेपाल सरकार ने शांतिपूर्ण राजशाही प्रदर्शन को हिंसक बनाने के लिए पूरी योजना बनाई थी। उनका कहना है कि पुलिस ने मंच और आसपास की ऊंची इमारतों पर पहले से ही टीम तैनात कर रखी थी। प्रसाई का दावा है कि अगर वह सही समय पर नहीं निकलते, तो उन्हें मारा जाता।
जमानत और मीडिया संवाद
तिनकुने हिंसक घटना में मुख्य योजनाकार बताकर जिला अदालत काठमांडू में उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया गया। तीन महीने की न्यायिक हिरासत के बाद उन्हें एक महीने पहले मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिली। हिरासत से बाहर आने के बाद उन्होंने पहली बार मीडिया के साथ संवाद किया और अपने एनकाउंटर संबंधी दावों का खुलासा किया।