पूर्वी चंपारण: चरस तस्करी में दोषी पाए गए अभियुक्त को 10 साल का सश्रम कारावास
पूर्वी चंपारण, 27 सितंबर। एनडीपीएस कोर्ट प्रथम के विशेष न्यायाधीश रेशमा वर्मा ने चरस तस्करी मामले में दोषी पाए गए हकीक खान के पुत्र दिलशाद खान को दस वर्षों का सश्रम कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। यदि अर्थदंड का भुगतान नहीं किया गया तो तीन माह की अतिरिक्त सजा काटी जाएगी।
मामला 2 अगस्त 2023 का है, जब 17वीं वाहिनी के प्रभारी रामप्रसाद मीणा को सूचना मिली कि नेपाल से भारत में मादक पदार्थ की खेप आने वाली है। सूचना के आधार पर जवानों ने सीमा स्तम्भ संख्या 3990/33 के पास जाल बिछाया। उसी दौरान एक युवक काले रंग का बैग लेकर पैदल आते हुए नजर आया और भागने लगा। जवानों ने उसे पकड़ लिया और जांच में उसके बैग से दो किलोग्राम चरस बरामद हुई।
एनडीपीएस वाद संख्या 72/2023 के विचारण में विशेष लोक अभियोजक डॉ. शंभू शरण सिंह ने छह गवाहों को पेश कर गवाही कराई। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद धारा 20(बी)ii (सी) एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी को दोषी ठहराया। सजा की अवधि में कारागार में बिताया गया समय समायोजित किया जाएगा।
इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि पूर्वी चंपारण में मादक पदार्थों की तस्करी पर कड़ी नजर रखी जा रही है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एनडीपीएस कोर्ट लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है।