नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)
- ED ने गुरुवार को अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी कंपनियों के लगभग 50 ठिकानों पर छापेमारी की।
- यह कार्रवाई यस बैंक लोन फ्रॉड मामले से जुड़ी 3,000 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी की जांच के सिलसिले में की गई है।
- ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत यह कार्रवाई की है।
- सूत्रों के मुताबिक, अनिल डी. अंबानी समूह की कंपनियां—
- विशेष रूप से रिलायंस कम्युनिकेशंस और रागा समूह—जांच के दायरे में हैं।
- मुंबई और दिल्ली में लगभग 35 से अधिक ठिकानों पर छापे मारे गए हैं।
- हालांकि अनिल अंबानी के निजी आवास पर कोई तलाशी नहीं ली गई,
- लेकिन उनकी कंपनियों से जुड़े परिसरों में छानबीन की गई।
- यह छापेमारी ऐसे समय में हुई है
- जब SBI ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत किया था।
- ईडी की यह जांच 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से प्राप्त लोन की अवैध डायवर्जन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर केंद्रित है।
- जांच एजेंसी को CBI, SEBI, राष्ट्रीय आवास बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और NFRA से महत्वपूर्ण दस्तावेज और इनपुट प्राप्त हुए हैं।
व्यापक वित्तीय अनियमितताओं की जांच
- ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यस बैंक द्वारा दिए गए लोन का उपयोग किस प्रकार से किया गया
- और क्या इन फंड्स को दूसरी कंपनियों में घुमाकर मनी लॉन्ड्रिंग की गई।
- एजेंसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस जांच में आगे और गिरफ्तारी या जब्ती की कार्रवाई संभव है।