नई दिल्ली, 06 फरवरी (हि.स.)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पहली बार 5 करोड़ दावों के निपटान का आंकड़ा पार करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 2,05,932.49 करोड़ रुपये की राशि के 5.08 करोड़ से ज्यादा दावों का निपटान किया है, जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में निपटाए गए 1,82,838.28 करोड़ रुपये के 4.45 करोड़ दावों से अधिक है।
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि यह उल्लेखनीय उपलब्धि ईपीएफओ के दावा निपटान प्रक्रियाओं को बढ़ाने और सदस्यों के बीच शिकायतों को कम करने के लिए शुरू किए गए परिवर्तनकारी सुधारों की श्रृंखला के कारण संभव हुई है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में ऑटो क्लेम सेटलमेंट दोगुना होकर 1.87 करोड़ हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 89.52 लाख ऑटो क्लेम संसाधित किए गए थे। इसी तरह सरलीकृत ट्रांसफर क्लेम आवेदन की शुरुआत के बाद से अब केवल 8 फीसदी ट्रांसफर क्लेम के लिए सदस्य और नियोक्ता सत्यापन की आवश्यकता होती है।
श्रम मंत्री ने कहा कि सरलीकृत प्रक्रिया की शुरुआत के बाद से लगभग 97.18 फीसदी प्रोफ़ाइल में सुधार खुद सदस्यों ने किये हैं, जिससे कार्यालय हस्तक्षेप घटकर केवल 0.4 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि नियोक्ता की ओर से अस्वीकृति के मामले घटकर 1.11 फीसदी और क्षेत्रीय कार्यालय से 0.21 फीसदी रह गए हैं, जो सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता और दावा निपटान में प्रक्रियागत बाधाओं में कमी को दर्शाता है।
मंडाविया ने सदस्य प्रोफ़ाइल सुधार सुधारों के प्रभाव पर जोर देते हुए कहा कि 48 फीसदी दावे नियोक्ता के हस्तक्षेप के बिना सीधे प्रस्तुत किए जाते हैं, जबकि 44 फीसदी स्थानांतरण अनुरोध स्वचालित रूप से उत्पन्न होते हैं। इसी तरह पीएफ ट्रांसफर क्लेम सबमिशन प्रक्रिया में सुधारों ने कार्यप्रवाह को काफी हद तक सुव्यवस्थित कर दिया है।