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प्राकृतिक पेय नीरो का निर्यात करके सूरत का किसान कमाएगा डॉलर

किसान हेमंतभाई पटेल ने आठ बीघा में लगाए 3500 खजूर के पेड़, 2026 में हाेने लगेगी रोजाना 1.5 लाख की कमाई

दो बीघा में गार्डन लॉन और क्रिकेट पिच लॉन (घास) की खेती कर वर्ष में 8 से 10 लाख रुपये की कर रहे आय

सूरत, 17 जनवरी (हि.स.)। प्राकृतिक खेती को अपनाकर कई किसानों ने समृद्धि का मार्ग खोज लिया है। कृषि और ऋषि संस्कृति से ओतप्रोत देश भारत में आज प्राकृतिक खेती ने मिशन मोड के तहत गति पकड़ ली है। यह कहानी एक ऐसे किसान की है जिसने प्राकृतिक खेती के साथ-साथ भविष्योन्मुखी खेती को अपने जीवन का मुख्य लक्ष्य माना है और उन्होंने अगले 5 से 10 वर्षों के लिए योजना बनाई है।

किसान ने आठ बीघे में 3,500 खजूर के पेड़ लगाए हैं और 2026 तक स्वास्थ्यवर्धक पेय नीरो को विदेश में निर्यात कर डॉलर कमाने का सपना देखा है। यह किसान सूरत जिले के कामरेज तालुका के उम्भेल गांव के हेमंतभाई हसमुखभाई पटेल हैं, जिन्होंने प्राकृतिक खेती में एक कदम आगे बढ़ाते हुए ‘भविष्योन्मुखी खेती’ को अपनाया है। उन्हाेंने महज दो बीघा में गार्डन लॉन और क्रिकेट पिच लॉन (घास) की खेती कर उसे बेचकर प्रति वर्ष 8 से 10 लाख रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं।

कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रयोग कर रहे उद्यमी किसान हेमंतभाई पटेल ने कहा कि वे पिछले 35 वर्षों से कृषि से जुड़े हुए हैं। उन्हाेंने 11 बीघा जमीन पर प्राकृतिक खेती के माध्यम से मिश्रित फसल सहजीवी प्रणाली से गन्ना, गेहूं, चना, सब्जियां और फल जैसी फसलें उगाई हैं। जैविक खेती के साथ-साथ फार्म में 50 नारियल के पेड़ों की सीमा है और 50 सरगवा (सहजन, मुनगा) भी लगाए हैं। इसके साथ ही वे कई प्रकार की सब्जियां भी उगाते हैं। जिसमें ब्रोकली, फूलगोभी, भिंडी, मिल्क थिसल, मेथी, पालक, करेला, मूली, गाजर, टमाटर, मिर्च, हल्दी, कंटोला, ड्रैगन फ्रूट, केला, अनार, चीकू, अमरूद, कस्टर्ड एप्पल, कमरख, अनानास शामिल हैं। यहां अंजीर, मैंगोस्टीन, मोसंबी, संतरे और पपीता जैसे फलों की 12 से 13 फसलें हैं। इसके अलावा 10 साल पहले खेत के किनारे 10 खजूर के पेड़ लगाए थे, जिनमें पिछले चार वर्षों से नीरा का उत्पादन जाड़े में शुरू होने से एक ही सीजन में अच्छी आमदनी हो रही है। अगले पांच से दस वर्षों को ध्यान में रखते हुए आठ बीघा भूमि पर 3500 खजूर के पौधे लगाए हैं।

किसान हेमंतभाई ने आगे बताया कि सर्दियों में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नीरो एक बेहतरीन स्वास्थ्यवर्धक पेय है। 2026 में 3,500 खजूर के पेड़ों से इसका उत्पादन शुरू होगा, जिससे प्रतिदिन तीन हजार लीटर नीरा तेल प्राप्त होगा। जाे नवंबर से लेकर सर्दियों के अंत तक उपलब्ध हाेगा। उन्होंने इसका मूल्य संवर्धन करने, इससे उत्पाद बनाने और डॉलर कमाने के लिए विदेशों में नीरा का निर्यात करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार 60 रुपये की अनुमानित कीमत पर प्रतिदिन एक लाख अस्सी हजार की आय होगी तथा इस नीरा का उत्पादन एक सीजन में 120 से 150 दिनों तक चलता है।

हेमंतभाई ने बताया कि उन्होंने दो बीघा खेत में सेलेक्शन वन और अमेरिकन ब्लू किस्म के प्याज लगाए हैं। उन्हाेंने बताया कि वे क्रिकेट मैदानों के लिए सिलेक्शन वन किस्म और सूरत, नवसारी, बारडोली, चिखली, वलसाड और अन्य क्षेत्रों की नर्सरियों को बागवानी के लिए अमेरिकन ब्लू की आपूर्ति करते हैं। जिसमें से मात्र दो बीघा से ही 8 से 10 लाख रुपये की वार्षिक आय प्राप्त हो जाती है। इसके साथ ही गन्ने की खेती भी की जाती थी। जिसमें पिछले वर्ष मार्च माह में मल्चिंग करने से कम पानी में अच्छी गुणवत्ता वाले गन्ने का उत्पादन हुआ। मल्चिंग से मिट्टी की नमी भी बनी रहती है।

प्राकृतिक खेती में मिश्रित फसल सहजीवन की विधि समझाते हुए हेमंतभाई कहते हैं कि मिट्टी में एक फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्व अक्सर दूसरी फसल से भी प्राप्त होते हैं। इसलिए यदि दोनों फसलों को एक साथ बोया और उगाया जाए तो दोनों को आवश्यक पूरक पोषक तत्व मिल जाते हैं। इसके लिए किसी अन्य प्रकार के उर्वरक की आवश्यकता नहीं है, केवल गोबर खाद ही पर्याप्त है। उन्हाेंने बताया कि रासायनिक खेती के विपरीत प्राकृतिक खेती में कई बदलाव देखे गए हैं। जिसमें मिट्टी की उर्वरता बहुत अधिक देखी गई और भूमि उपजाऊ बनने लगी है। मिट्टी में केंचुओं की संख्या भी बढ़ने लगी है। मिट्टी वर्षा जल का भंडारण करती है।

हेमंतभाई ने कहा कि मिट्टी की जल निकासी क्षमता बढ़ने से नमी भंडारण क्षमता में भी सुधार हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप सिंचाई की संख्या में कमी आई है और उत्पादन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

हेमंतभाई के बेटे जयभाई ने कहा कि मैं भी आधुनिक कृषि में अपने पिता की मदद कर रहा हूं। मेरा मानना है कि कृषि अन्य व्यवसायों की तुलना में अधिक लाभदायक है। म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार और रियल एस्टेट की तुलना में कृषि से अधिक कमाई होगी। म्यूचुअल फंड दीर्घकालिक निवेश पर छह से आठ प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न प्रदान करते हैं। यदि हम शेयर बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, तो हमें दस से बारह प्रतिशत या उससे भी अधिक, 15 से 18 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलती है। इसके साथ ही अगर हम रियल एस्टेट में निवेश करते हैं तो इसमें सालाना 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि होती है, जो एक अच्छा बाजार भी है। जबकि इन सभी व्यवसायों से परे मेरा मानना है कि कृषि में सौ प्रतिशत से अधिक कमाई हो रही है। उच्च गुणवत्ता वाले जैविक कृषि उत्पादों की उच्च मांग को देखते हुए, डॉलर की कमाई से केवल एक वर्ष में निवेश पर कई गुना लाभ प्राप्त हो सकता है।

उन्हाेंने बताया कि प्राकृतिक खेती प्रकृति के करीब जाने का एक अनोखा तरीका है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन की शुरुआत की है। जिसमें गुजरात कृषि मॉडल को रोल मॉडल बताया गया है। देश में प्राकृतिक कृषि के प्रचलन को बढ़ाने के अपने संकल्प को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने प्राकृतिक कृषि के तहत एक जन अभियान शुरू किया है।

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