हरियाणा में मिड-डे मील योजना को लेकर अचानक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लिया गया।
शिक्षा निदेशालय ने पुरानी सप्लाई व्यवस्था को तुरंत प्रभाव से बदलने का आदेश जारी किया।
अब खाद्य सामग्री सीधे हरियाणा एग्री इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड से भेजी जाएगी।
यह बदलाव यूं ही नहीं हुआ—कई स्कूलों से रहस्यमयी शिकायतें लगातार पहुँच रही थीं।
बताया गया कि पूर्व सप्लायर “हरित स्टोर” से भेजी जा रही सामग्री की गुणवत्ता सवालों में थी।
शिकायतों की जांच शुरू हुई तो कई गंभीर खामियों के संकेत मिलने लगे।
इसी के बाद पूरी व्यवस्था को अचानक उलट देने का फैसला लिया गया।
जिले के 608 सरकारी स्कूल इस नए आदेश के दायरे में आए हैं।
लगभग 77,771 बच्चों का भोजन अब नई एजेंसी की जिम्मेदारी में जाएगा।
आश्चर्य की बात—पहली बार छात्रों को कुल 25 प्रकार की सामग्री भेजी जाएगी।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इतने बड़े बदलाव के पीछे गहन स्तर की निगरानी रिपोर्ट छुपी हो सकती है।
शिक्षा निदेशालय चाहता है कि छात्रों को अब तक का “सबसे उच्च गुणवत्ता” वाला भोजन मिले।
नए आदेश के बाद सभी स्कूलों को सप्लाई पूरी तरह केंद्रीयकृत व्यवस्था से मिलेगी।
यह बदलाव मिड-डे मील को लेकर पहले उठे सवालों की वास्तविक तस्वीर भी दिखाता है।
अब सबकी निगाहें इस पर हैं—क्या नई सप्लाई व्यवस्था गुणवत्ता संकट को खत्म कर पाएगी?




