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चार वर्षीय बालिका की हत्या का मामला: बहन की हत्या का राज जानता था दस वर्षीय मासूम

जयपुर, 3 जून (हि.स.)। मुहाना थाना इलाके में चार वर्षीय बालिका की मां व सौतेले पिता द्वारा हत्या कर शव को बारां में छिपाने के मामले की जांच में अहम खुलासा हुआ है। बहन की हत्या का राज दस वर्षीय मासूम जानता था। दस वर्षीय मासूम के सामने उसके बाप-सौतेली मां ने दस वर्षीय सौतेली बहन इशिता की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या से पहले मां-सौतेले बाप ने बेटी को बुरी तरह पीटा। इससे उसकी चमड़ी नीली पड़ गई और हाथ भी टूट गया। बहन की हत्या देख मासूम इतना सहम गया था कि वह 24 घंटे तक कुछ बोल भी नहीं पाया। दोनों ने मासूम को हत्या की बात किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। जैसे ही मासूम अपने पिता से दूर दादा के पास पहुंचा तो इशिता की निर्मम हत्या की पूरी आंखों देखी सच्चाई बयां कर दी। इस पूरे प्रकरण को लेकर पुलिस ने हत्या के आरोपित पिता महावीर प्रसाद बैरवा और मां रोशन बाई को गिरफ्तार कर लिया है।

गौरतलब है कि 30 मई को बारां जिले के जैतपुरा निवासी जयराम बैरवा ने भंवरगढ़ थाने में सूचना दी कि उसके घर के कमरे में रखी अलमारी में से बदबू आ रही है। अलमारी को खोलकर देखा तो उसमें एक सफेद प्लास्टिक का कट्टा रखा था, जिसमें से खून निकल रहा था और बदबू आ रही है। सूचना पर भंवरगढ़ थानाधिकारी राजेश मीणा मौके पर पहुंचे। अलमारी में रखे कट्टे को खोलकर देखा तो उसमें इशिका का शव चुन्नी से बंधा रखा हुआ था। इशिता उसके बेटे महावीर की दूसरी पत्नी रोशन बाई की बेटी थी। आरोपित महावीर करीब तीन महीने पहले भाई की मौत पर अपने गांव जैतपुरा आया था। उस समय उसने अपने पिता जयराम से झगड़ा किया था। इस झगड़े के चलते जयराम ने महावीर के खिलाफ मामला दर्ज करवा रखा था। 29 मई को जब महावीर अपने बेटे के साथ गांव आया तो उसके पिता ने पुलिस को सूचना दे दी। पकड़े जाने के डर से महावीर इशिका की लाश को घर में ही रखकर बेटे को लेकर बस से जयपुर लौट रहा था। तभी पुलिस ने उसे रास्ते में पकड़ लिया। इस दौरान पुलिस ने पोते को उसके दादा जयराम को सौंप दिया।

दस वर्षीय मासूम ने बताई पूरी कहानी

महावीर हत्या के बाद चार वर्षीय इशिका के शव को ठिकाने लगाने के लिए गांव लाया था। इस बात का पता उसके दस साल के बेटे को भी था। पिता उसे भी इशिका की तरह मार न दे, इस डर से वह ये बात किसी को बता नहीं पाया। पुलिस ने महावीर को पकड़ने के बाद दस वर्षीय पोते को उसके दादा को सौंप दिया। जयराम पोते को लेकर घर आया तो उसने बहन की हत्या की पूरी कहानी दादा को बताई। इसके बाद दादा ने कमरे की जांच की तो वहां इशिका की लाश रखा कट्‌टा पड़ा था। उसमें से खून रिस रहा था और बदबू आ रही थी। इशिका की हत्या करने के बाद महावीर उसकी लाश को लेकर अपने गांव आ गया था। वहीं इशिका की मां रोशन घर से फरार हो गई थी। वह मुहाना मंडी में छिपी हुई थी। पुलिस ने उसे वहीं से गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया कि महावीर बैरवा और रोशन पिछले सात महीने से साथ रह रहे थे। महावीर की पहली पत्नी से हुआ उसका दस का बेटा दादा के पास रहता था। वहीं रोशन के पहले पति से हुई चार वर्षीय बेटी इशिका रोशन और महावीर के साथ ही रहती थी। तीन महीने पहले महावीर अपने बेटे को भी गांव से जयपुर लेकर आ गया था। इसके बाद महावीर और रोशन के बीच झगड़ा बढ़ गया था। दोनों एक-दूसरे पर बच्चे का ध्यान नहीं रखने और भेदभाव करने का आरोप लगाते थे। शुक्रवार की शाम को उसके पिता और मां का झगड़ा हुआ था। झगड़े के बाद उसकी मां ने इशिका को बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया था। मारपीट से इशिका काफी रो रही थी तो मां और पिता ने उसका गला दबा दिया। इसके बाद उसके पिता ने इशिता को पहले एक चुन्नी से बांधा। उसके बाद एक कट्‌टे में डाल कर बांध दिया और गांव के लिए निकल गए। वह रात में ट्रेन और फिर बस से अपने गांव पहुंचे थे।

रोशन अपने पति को छोड़कर आई थी

पुलिस ने बताया कि रोशन भाई की शादी टोंक के घांस निवासी रविंदर बैरवा से हुई थी। उससे बेटी इशिका का जन्म हुआ था। रोशन का आरोप था कि उसका पति रविंद्र शादी के बाद से ही उसके साथ मारपीट करता था। ऐसे में वह अपनी बेटी को लेकर घर छोड़कर निकल गई थी। महावीर और रोशनबाई की मुलाकात टोंक के उनियारा रोड पर एक शराब के ठेके के बाहर हुई थी। महावीर ठेके पर शराब पीने के लिए गया था। वहीं ठेके बाहर खड़ी रोशन ने महावीर से शराब के पैसे मांगे थे। महावीर ने रोशन को शराब दिलाई और इसके वहां से रोशन बाई अपनी बेटी इशिता के साथ महावीर के साथ जयपुर आ गई और महावीर के साथ लिव इन में रहने लग गई थी।

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