वैरागी द्वीप में वसुधा वंदन के साथ गायत्री परिवार के शताब्दी वर्ष का शुभारंभ
हरिद्वार, 4 दिसंबर। अखिल विश्व गायत्री परिवार के शताब्दी वर्ष की शुरुआत मंगलवार को कनखल स्थित बैरागी द्वीप में भव्य वसुधा वंदन समारोह के साथ हुई। इस पावन अवसर पर हजारों स्वयंसेवकों, संतों और प्रबुद्ध जनों की उपस्थिति रही।
51 तीर्थों के रज–जल से हुआ शुभारंभ
समारोह का आरंभ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) और गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि डॉ. चिन्मय पंड्या ने 51 तीर्थों से लाए गए पवित्र रज–जल का पूजन कर किया। यह आयोजन माता भगवती देवी, अखंड दीप प्रज्वलन और गुरुदेव की तप–साधना के 100 वर्ष को समर्पित रहा।
राज्यपाल बोले—अखंड ज्योति, अखंड भारत की भावना का प्रतीक
राज्यपाल ने कहा कि अखंड ज्योति केवल एक दीप नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक चेतना, नैतिकता और एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा—“हम बदलेंगे, युग बदलेगा सिर्फ नारा नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन का मंत्र है।” उन्होंने गायत्री परिवार की सेवा–केन्द्रित कार्यशैली को राष्ट्र निर्माण का आदर्श मॉडल बताया।
गुरु–शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति की आत्मा
समारोह के अध्यक्ष स्वामी राजराजेश्वराश्रम ने कहा कि गुरु जीवन को आकार देने वाला कुम्हार है। माता-पिता, गुरु और ईश्वर—सनातन संस्कृति की एक ही धारा हैं। उन्होंने माताजी भगवती देवी की भूमिका और नारी–जागरण के योगदान को विशेष रूप से रेखांकित किया।
डॉ. चिन्मय पंड्या ने दिया सांस्कृतिक एकता का संदेश
शताब्दी समारोह दलनायक डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि यह वर्ष समाज और विश्व समुदाय के लिए सौभाग्य का संगम है। माताजी द्वारा नारी–शिक्षा, सेवा और संस्कार के क्षेत्र में किए गए योगदान को उन्होंने प्रेरणादायक बताया।
अतिथियों का सम्मान और पुस्तकों का विमोचन
समारोह में अतिथियों को गायत्री मंत्र चादर, रुद्राक्ष माला और सत्साहित्य भेंट किया गया। कार्यकर्ता पाथेय पुस्तक का भी विमोचन हुआ। कार्यक्रम में विधायक मदन कौशिक, यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।




