जर्मनी–यूक्रेन वार्ता में नई कूटनीतिक गति, संघर्षविराम की उम्मीद बढ़ी
बर्लिन। यूक्रेन युद्ध को लेकर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक अहम संकेत सामने आया है। जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने सोमवार को बर्लिन में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संभावित शांति प्रक्रिया और संघर्षविराम की दिशा में उभरती नई पहल पर विस्तार से चर्चा की।
“पहली बार वास्तविक संघर्षविराम की संभावना”
चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने वार्ता को उत्पादक बताते हुए कहा कि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में उल्लेखनीय कूटनीतिक गति दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि बातचीत अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन पहली बार ऐसा लग रहा है कि संघर्षविराम अब केवल विचार नहीं, बल्कि एक वास्तविक संभावना बनता जा रहा है।
ट्रंप की भूमिका को बताया निर्णायक
मर्ज ने इस बदले हुए माहौल का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिया। उन्होंने कहा कि ट्रंप के निरंतर प्रयासों और सक्रिय भूमिका के बिना यह कूटनीतिक प्रगति संभव नहीं होती। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि रूस अब भी कठोर और अधिकतम मांगों के जरिए बातचीत को लंबा खींचने की कोशिश कर रहा है।
यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी जरूरी
चांसलर मर्ज ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित यूक्रेन के लिए “कानूनी और भौतिक सुरक्षा गारंटी” की सराहना करते हुए कहा कि ये शांति प्रक्रिया के लिए बेहद अहम हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि क्षेत्रीय मुद्दों पर निर्णय लेने का अधिकार केवल यूक्रेनी नागरिकों को है, जो अपने क्षेत्र की रक्षा कर रहे हैं।
ज़ेलेंस्की बोले—बिना सुरक्षा गारंटी शांति संभव नहीं
राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने दो टूक कहा कि यूक्रेन अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी शांति समझौते के लिए ठोस और प्रभावी सुरक्षा गारंटी अनिवार्य है। जब तक इन गारंटियों पर स्पष्टता नहीं होगी, तब तक सीमाओं और क्षेत्रों से जुड़े किसी भी निर्णय पर विचार संभव नहीं है।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि क्षेत्रीय मुद्दे यूक्रेन के लिए भावनात्मक और पीड़ादायक हैं।
जमे रूसी परिसंपत्तियों पर यूरोप की परीक्षा
यूरोपीय संघ में जमी रूसी परिसंपत्तियों के उपयोग को लेकर मर्ज ने चेतावनी दी कि यदि इस सप्ताह होने वाली यूरोपीय परिषद की बैठक में सहमति नहीं बनती, तो इससे यूरोपीय संघ की विश्वसनीयता और निर्णय लेने की क्षमता को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने संकेत दिया कि मौजूदा प्रस्ताव ही ऐसा विकल्प है जिसे यूरोपीय संघ के मतदान नियमों के तहत पारित किया जा सकता है।
शांति प्रक्रिया की ओर अहम संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, जर्मनी और यूक्रेन के शीर्ष नेताओं की यह संयुक्त प्रेस वार्ता यूक्रेन संकट पर संभावित शांति प्रक्रिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक संकेत मानी जा रही है। आने वाले दिनों में अमेरिका और यूरोपीय संघ की भूमिका इस प्रक्रिया को निर्णायक मोड़ दे सकती है।




