अगले हफ्ते दिवाली का त्योहार है। ऐसे में सभी बाजार में रौनक छाई हुई है। दिवाली से पहले धनतेरस के दिन सोना खरीदना काफा शुभ माना जाता है। धनतेरस और दिवाली के मौके पर लोग गोल्ड ज्वैलरी खरीदते हैं। ऐसे में सोने की डिमांड बढ़ जाने से इनकी कीमतों में भी इजाफा होता है। अगर आप भी इस साल गोल्ड खरीदने जा रहे हैं तो आपको सोने की कीमतों का ध्यान रखना चाहिए। बता दें कि सोने की कीमत रोज अपडेट होती है।
इसके अलावा जो भी आप ज्वैलरी खरदीते हैं उसकी कीमत सुनार तय करता है। अब सवाल आता है कि सुनार किसी भी ज्वैलरी की कीमत कैसे तय करता है? क्या ज्वैलरी की कीमत तय करने के लिए कोई फॉर्मूला है? हम आपको इन सभी सवालों का जवाब देंगे।
इन चीजों पर निर्भर करती है सोने की कीमत
सुनार अपनी खरीद के बाद ही आभूषण की कीमत तय करता है। इसके अलावा आप कौन-से कैरेट का गोल्ड खरीद रहे हैं यह भी निर्भर करता है। बता दें कि 22 कैरेट और 18 कैरेट गोल्ड के रेट अलग हैं। वैसे तो ज्वैलरी के लिए 18 कैरेट और 22 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल होता है। अब गोल्ड ज्वैलरी (Gold Jewellery) बनाने में इन कैरेट के गोल्ड का कितना इस्तेमाल हुआ है इसको नापने के बाद ही कीमत तय होती है।
कैसे तय होती है गोल्ड ज्वैलरी की कीमत
गोल्ड ज्वैलरी की कीमत तय करने के लिए सुनार एक फॉर्मूले का इस्तेमाल करते हैं। इसमें ज्वैलरी के वजन को गोल्ड की कीमत से गुणा किया जाता है। इसके बाद जो रिजल्ट आता है उसमें मेकिंग चार्ज और हॉलमार्क चार्ज को जोड़ा जाता है और अंत में 3 फीसदी जीएसटी (GST) को एड किया जाता है।
इसे ऐसे समझिए कि 20 कैरेट गोल्ड की कीमत 68,000 रुपये प्रति 10 ग्राम है और किसी ज्वैलरी का वजन 35 ग्राम है। अब इन दोनों को गुणा किया जाएगा फिर इसमें मार्किंग चार्ज 1500 रुपये को जोड़ा जाएगा और अंत में गोल्ड ज्वैलरी की कीमत तय हो जाएगी जो 2,46,640 रुपये है। इस कीमत में हॉलमार्क चार्ज और जीएसटी को शामिल नहीं किया गया है।
इन बातों का रखें ध्यान
आपको गोल्ड ज्वैलरी खरीदते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आपको ज्वैलरी खरीदते समय यह समझ लेना चाहिए कि इसके दाम कैसे तय किये गए हैं। अगर आपको ज्वैलरी की कीमत को लेकर कोई समस्या होती है तो आप ज्वैलर्स से इसके बारे में पूछ सकते हैं।
आप जब भी गोल्ड ज्वैलरी खरदीते हैं तो आपको सुनार से रसीद जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा आपको इस रसीद में जरूर चेक करना चाहिए कि इस पर ज्वैलरी खरीद की तारीख और उसकी कीमत आदि की जानकारी होनी चाहिए। यह रसीद भविष्य में ज्वैलरी के बेचने के समय काफी काम आ सकती है।