शिमला, 17 जून:
हिमाचल के दूरस्थ क्षेत्र डोडरा-क्वार में सोमवार को इतिहास बना जब पहली बार कोई राज्यपाल — शिव प्रताप शुक्ल — वहां पहुंचे। लेकिन इस दौरे का असली मकसद था नशे के खिलाफ जनजागरूकता अभियान को एक नई दिशा देना।
राज्यपाल ने गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद किया और कहा कि “अब नशे का जाल शहरों से निकलकर गांवों को चपेट में ले रहा है।” उन्होंने चेताया कि सिंथेटिक नशे की घुसपैठ हिमाचल की देवभूमि को खोखला कर रही है।
🌾 स्थानीय संस्कृति को सम्मान
क्वार में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में पारंपरिक स्वागत के साथ राज्यपाल ने स्थानीय अनाज का स्वाद लिया और उसके मार्केट लिंक के लिए निर्देश दिए।
📢 क्या बोले राज्यपाल?
“नशे का धंधा मुर्दे का व्यापार है। यह हमारी नई पीढ़ी को अंधकार की ओर ले जा रहा है।”
राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि महिलाएं इस लड़ाई में सबसे अहम भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने आह्वान किया कि मां-बहनें आगे आकर नशे के खिलाफ मोर्चा संभालें।
🎗 हरियाली से उम्मीद की रैली
कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल ने स्थानीय विद्यार्थियों की नशा विरोधी रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। स्थानीय विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने भी अभियान को पूरे विधानसभा क्षेत्र में फैलाने का संकल्प लिया।