📍 हिसार, 5 जून (हि.स.) — गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर “प्लास्टिक प्रदूषण पर पूर्ण विराम” विषय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण केवल एक पर्यावरणीय समस्या नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के अस्तित्व का संकट बन चुका है।
🧪 विशेष आयोजन की झलकियां
🔹 प्रकृति के प्रति समर्पण की प्रेरणा
प्रो. बिश्नोई ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना के समय यहां केवल 16 वृक्ष थे, लेकिन आज यह परिसर 55,000 से अधिक वृक्षों के साथ हरित विकास का उदाहरण बन चुका है।
🔹 विश्व स्तर पर चिंता का विषय
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 1.5 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हो रहा है, जिसमें अधिकतर सिंगल यूज प्लास्टिक है। यह न केवल नदियों और समुद्रों, बल्कि मिट्टी और मानव स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।
🔹 प्रेरणास्रोत: गुरु जम्भेश्वर जी महाराज
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय 15वीं सदी के संत गुरु जम्भेश्वर जी के नाम पर स्थापित है, जिनके उपदेश जैव विविधता के संरक्षण और सहअस्तित्व की भावना से ओतप्रोत हैं।
👥 मुख्य अतिथि और वक्ता
🔸 पद्मश्री एमसी मेहता (पर्यावरणविद) — कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
🔸 प्रो. एससी जैन (सेवानिवृत्त) — उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक से बचना चाहिए और प्लास्टिक रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना चाहिए।
🔸 डा. विजय कुमार (कुलसचिव) — उन्होंने पृथ्वी को “मां” की संज्ञा देते हुए, इसके संरक्षण को नैतिक जिम्मेदारी बताया।
🔸 प्रो. आशा गुप्ता (डीन, पर्यावरण विभाग) — उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
📌 निष्कर्ष:
गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय का यह आयोजन न केवल शैक्षणिक चेतना, बल्कि प्राकृतिक संरक्षण के प्रति नैतिक प्रतिबद्धता का प्रतीक रहा। प्लास्टिक मुक्त भविष्य और सतत विकास के लिए ऐसे प्रयास आवश्यक हैं जो शिक्षा, वैज्ञानिक सोच और सामाजिक भागीदारी को जोड़ सकें।