Mon, Jun 30, 2025
24.8 C
Gurgaon

दुष्कर्म के मामलों में गर्भपात को लेकर गाइड लाइन बनाने की मंशा- हाइकोर्ट

जयपुर, 13 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान हाइकोर्ट ने जानकारी के अभाव में बलात्कार पीड़िताओं के गर्भपात में देरी और कई बार प्रसव के समय पीड़िता किशोरियों की जान खतरे में पड़ने की स्थिति पर गंभीरता दिखाई है। कोर्ट ने बलात्कार के मामलों में गर्भपात के लिए गाइडलाइन तय करने की मंशा जताते हुए केन्द्र और राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब देने को कहा। कोर्ट ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को पक्षकार बनाया है और अदालती कार्यवाही में सहयोग के लिए अधिवक्ता पल्लवी मेहता, प्रियांशा गुप्ता व सोनल गुप्ता को न्यायमित्र नियुक्त किया।

मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव व न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने स्वप्रेरणा से दर्ज जनहित याचिका पर यह आदेश दिया।

पुलिस सहित अन्य संबंधित एजेंसियां बलात्कार पीड़िता को गर्भपात संबंधी प्रावधानों की समय पर जानकारी नहीं देती हैं, जिससे कई बार प्रसव के समय नाबालिग पीड़िताओं की जान खतरे में पड़ जाती है। कोर्ट ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए यह जनहित याचिका दर्ज की थी। कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी व महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद को सरकार का पक्ष पेश करने का आदेश दिया। वहीं इस तरह के मामलों में जागरुकता के लिए रालसा से पक्ष रखने कहा है।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...
spot_img

Related Articles

Popular Categories