दिल्ली दंगे 2020 में गुलफिशा फातिमा की भूमिका
फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 54 लोग मारे गए, सैकड़ों घायल हुए और करोड़ों की संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई। शुरू में इसे अचानक भड़की नाराजगी कहा गया, लेकिन जांच और अदालत के निष्कर्षों ने इसे योजनाबद्ध साजिश साबित किया।
महिलाओं की अगुवाई और हिंसा
गुलफिशा फातिमा, सीलमपुर की 26 वर्षीय युवती, महिलाओं के आंदोलन का चेहरा बनकर हिंसा की स्थानीय मैनेजर बनी। पिंजरा तोड़ और अन्य संगठनों से जुड़ाव के कारण उसने महिलाओं को संगठित किया, फंड जुटाया और हिंसा की तैयारी में निर्णायक भूमिका निभाई।
अदालत में गवाही और निष्कर्ष
दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुलफिशा की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह केवल “फुट सोल्जर” नहीं, बल्कि हिंसा और भीड़ जुटाने की मैनेजर थीं। अदालत ने देखा कि उसने महिलाओं को “ढाल” की तरह इस्तेमाल किया और हिंसा को संगठित करने में सक्रिय भूमिका निभाई।
गुप्त बैठकें और रणनीति
23 जनवरी 2020 को पिंजरा तोड़ कार्यालय में हुई बैठक में गुलफिशा ने हिंसा के लिए सामग्रियाँ जुटाने में मदद की। “कोड वर्ड्स” का इस्तेमाल कर धरना और सड़क जाम की रणनीति बनाई गई।