हरियाणा के गुरुग्राम ज़िले में स्थित अरावली फॉरेस्ट जोन में प्रशासन ने अवैध निर्माण के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। जानकारी के अनुसार, 50 से अधिक फार्महाउस और अन्य गैरकानूनी ढांचे चिन्हित किए गए हैं, जिन पर जल्द ही बुलडोज़र चलाया जाएगा।
📍 क्या है मामला?
- स्थान: गुरुग्राम का अरावली फॉरेस्ट जोन
- प्रभावित ढांचे: 50+ फार्महाउस, रिसॉर्ट्स, अन्य निर्माण
- कार्रवाई की स्थिति: ड्रोन से सर्वेक्षण जारी, नोटिस जारी
- नियंत्रक एजेंसी: वन विभाग, जिला प्रशासन, नगर निगम
🛰️ ड्रोन सर्वे का क्या है मकसद?
- निर्माण की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन
- कानूनी और गैरकानूनी निर्माणों की पहचान
- भू-मानचित्र और सैटेलाइट डेटा के साथ मिलान
- भविष्य की अदालती कार्यवाहियों में साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल
📢 प्रशासन का सख्त रुख:
जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
“अरावली क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
⚖️ कानूनी पक्ष:
- अरावली क्षेत्र में निर्माण पर फॉरेस्ट एक्ट, एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत प्रतिबंध
- सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों के बावजूद हो रहे थे निर्माण
- अब कोर्ट मॉनिटरिंग में कार्रवाई
🌳 क्यों ज़रूरी है यह कार्रवाई?
- पर्यावरण संरक्षण: अरावली भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला है, जो दिल्ली-एनसीआर को प्रदूषण से बचाती है।
- भूजल स्तर: अवैध निर्माणों ने भूजल रीचार्ज में बाधा डाली है।
- जैव विविधता: वन्य जीवों के लिए खतरा बढ़ा है।