हल्द्वानी में पांच वर्षों में बने 89 जाति और निवास प्रमाण पत्र निरस्त
हल्द्वानी। तहसील क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों के भीतर जारी किए गए स्थायी निवास और जाति प्रमाण पत्रों की जांच प्रक्रिया अब तेज हो गई है। प्रशासन द्वारा गठित विशेष जांच समिति ने प्रारंभिक जांच के दौरान अब तक 89 प्रमाण पत्रों को अपूर्ण और संदिग्ध पाते हुए निरस्त कर दिया है। इनमें बड़ी संख्या में जाति और निवास प्रमाण पत्र शामिल हैं।
यह कार्रवाई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उस निर्देश के बाद की जा रही है, जिसमें राज्य में सामने आ रहे डेमोग्राफी चेंज से जुड़े मामलों को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों में बीते पांच वर्षों के प्रमाण पत्रों की गहन जांच के आदेश दिए गए थे।
2 हजार से अधिक प्रमाण पत्रों की हो चुकी है जांच
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में हल्द्वानी परगना क्षेत्र में एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है। समिति अब तक 2,000 से अधिक प्रमाण पत्रों की प्रारंभिक जांच कर चुकी है। जांच के दौरान 89 ऐसे प्रमाण पत्र पाए गए, जिनमें आवश्यक दस्तावेज अधूरे थे या जिनकी वैधता संदिग्ध पाई गई।
प्रशासन ने इन सभी प्रमाण पत्रों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार यह केवल प्रारंभिक चरण की कार्रवाई है और आने वाले दिनों में जांच का दायरा और बढ़ाया जाएगा।
आगे और सख्त होगी कार्रवाई
प्रशासन का कहना है कि जिन मामलों में नियमों के उल्लंघन या फर्जीवाड़े की पुष्टि होगी, उनके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल पात्र व्यक्तियों को ही जाति और निवास प्रमाण पत्र का लाभ मिले।




