हरिद्वार में ध्यान साधना शिविर का शुभारंभ
हरिद्वार, 4 नवंबर (हि.स.)। मिश्री मठ, उत्तर हरिद्वार में मंगलवार को पंचदिवसीय पूर्णिमा व देवभूमि रजत उत्सव का शुभारंभ ध्यान साधना शिविर और भजन संध्या के साथ हुआ। देशभर से आए हजारों साधकों ने इसमें भाग लिया।
साधना से मिलता है रोग-शोक से मुक्ति
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि ध्यान, साधना और कुंडली जागरण से रोग और शोक से मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि करौली शंकर महादेव के नेतृत्व में चलाया जा रहा योग, मंत्र दीक्षा और साधना अभियान समाज को रोग, भय, भ्रम और नशे से मुक्त करने का प्रयास है।
तंत्र का सही अर्थ समझने की आवश्यकता
श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि तंत्र कोई पाखंड नहीं बल्कि उच्चतम व्यवस्था का मार्ग है, जिसे इतिहास में गलत तरीके से प्रचारित किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से साधकों को नई ऊर्जा और दिशा मिलती है।
संस्था का लक्ष्य : नशा मुक्त और संस्कारवान भारत
करौली शंकर महादेव धाम के परमाध्यक्ष करौली शंकर महादेव ने कहा कि संस्था का लक्ष्य मानवता की सेवा, युवा पीढ़ी में संस्कार और नशा मुक्त भारत का निर्माण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में आगामी वर्ष हरिद्वार में होने वाला अर्द्धकुंभ भव्य और दिव्य रूप में आयोजित होगा।
संतों और साधकों ने लिया भाग
शिविर में देशभर से आए साधकों ने ध्यान साधना की। कार्यक्रम में डॉ. उमेश सचान, अनिरुद्ध शर्मा, सतपाल सिंह आदि ने संतों और गणमान्यजनों का स्वागत किया।




