अदालत ने हार्वर्ड के पक्ष में सुनाया फैसला
वाशिंगटन, 04 सितंबर (हि.स.)। अमेरिका की बोस्टन जिला अदालत ने बुधवार को हार्वर्ड विश्वविद्यालय को ट्रंप प्रशासन के साथ विवाद में बड़ी कानूनी जीत दिलाई। न्यायाधीश एलिसन डी. बरोज़ ने अपने 84 पृष्ठों के फैसले में कहा कि यहूदी-विरोधी भावना खत्म करने के नाम पर अरबों डॉलर की अनुसंधान निधि रोकना कानून का उल्लंघन है।
शैक्षणिक स्वतंत्रता पर जोर
न्यायाधीश बरोज़ ने कहा कि अदालत का दायित्व है कि वह शैक्षणिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा करे। उन्होंने ट्रंप प्रशासन को चेताया कि हार्वर्ड के प्रथम संशोधन अधिकारों का उल्लंघन करते हुए फंडिंग रोकी नहीं जा सकती।
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता लिज ह्यूस्टन ने इस फैसले को निराशाजनक बताया और कहा कि हार्वर्ड अपने छात्रों को भेदभाव और उत्पीड़न से बचाने में विफल रहा। प्रशासन ने संकेत दिया कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा।
हार्वर्ड का बयान
हार्वर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एलन एम. गार्बर ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के संवैधानिक अधिकारों की पुष्टि करता है और अमेरिकी उच्च शिक्षा तथा वैज्ञानिक अनुसंधान की स्वतंत्रता के लिए अहम है।
विवाद की पृष्ठभूमि
अप्रैल में ट्रंप प्रशासन ने आरोप लगाया था कि हार्वर्ड कट्टरता का केंद्र बन गया है। प्रशासन ने अनुसंधान फंडिंग को शर्तों से जोड़ने की कोशिश की, जिसे हार्वर्ड ने ठुकरा दिया। इसके बाद प्रशासन ने फंडिंग रोक दी, जिसके खिलाफ हार्वर्ड ने मुकदमा दायर किया था।
जनहित में जीत
हार्वर्ड की ओर से केस लड़ने वाले वकीलों और अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स ने फैसले का स्वागत किया। उन्होंने इसे शैक्षणिक स्वतंत्रता और शोध की निर्णायक जीत बताया।