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तेरह साल पुराने हत्या के प्रयास के मामले में दोषी को सात साल की सजा

मुरादाबाद, 02 जून (हि.स.)। मुरादाबाद के अपर जिला न्यायाधीश-10 जितेंद्र सिंह की कोर्ट ने तेरह साल पुराने हत्या के प्रयास के मामले में मंगलवार को आरोपित को दोषी पाते हुए सात वर्ष के कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। धारा 25 के तहत न्यायालय ने दो वर्ष का कारावास और दो हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

जनपद के थाना कुंदरकी क्षेत्र के बगरऊवा निवासी मतीन 30 अप्रैल 2012 की शाम पांच बजे किराए के ट्रैक्टर ट्रॉली से भूसा लेकर आ रहा था। ट्रॉली जीनत के घर के सामने पहुंची तो भूसा नीचे गिरने लगा। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच कहासुनी होने लगी। इस बीच पीतपुर निवासी रजाबुल तमंचा लेकर आया। उसने जान से मारने की नीयत से फायरिंग की। इस दौरान गोली मतीन की पत्नी गुलिस्ता व गांव के ही बिलाल के पैरों में लग गई। इस मामले में मतीन की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित रजाबुल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। मामले की सुनवाई मुरादाबाद के अपर जिला जज-10 जितेंद्र सिंह के न्यायालय में हो रही थी।

अदालत में सुनवाई के दौरान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता मुनीष भटनागर ने कुल आठ गवाहों को पेश किया। अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपित रजाबुल को हत्या के प्रयास का दोषी पाया। अदालत ने इस मामले में दोषी को सात साल की सजा और पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। धारा 25 के तहत न्यायालय ने दो वर्ष का कारावास और दो हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है।

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