Heart Hole Surgery Gurugram: 16 वर्षीय किशोर को बिना चीर-फाड़ मिली नई जिंदगी
गुरुग्राम के डॉक्टरों ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिसने मेडिकल जगत में उम्मीद की नई किरण जगाई है। साइबर सिटी के एक अस्पताल में 16 वर्षीय किशोर के दिल का Heart Hole Surgery Gurugram के जरिए सफल इलाज किया गया।
जन्मजात बीमारी से जूझ रहा था किशोर
- किशोर पंजाब के फरीदकोट का रहने वाला है।
- बचपन से ही उसके दिल में 35 मिमी का छेद (Atrial Septal Defect – ASD) मौजूद था।
- पिछले छह महीने से उसे सांस लेने और थकान की गंभीर समस्या हो रही थी।
डॉक्टरों ने अपनाई नई तकनीक
- सीटीवीएस विभागाध्यक्ष डॉ. महेश वाधवानी और उनकी टीम ने पांच घंटे तक जटिल सर्जरी की।
- यह ऑपरेशन पूरी तरह एंडोस्कोपिक तकनीक से किया गया, जिसमें किसी प्रकार की चीर-फाड़ नहीं करनी पड़ी।
- सर्जरी के बाद मरीज का दिल सामान्य रूप से काम करने लगा।

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सामाजिक संस्था ने बढ़ाया हाथ
- इस महंगे ऑपरेशन का खर्च गुरुग्राम की एक स्वयंसेवी संस्था ने उठाया।
- संस्था की मदद से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार का सपना सच हुआ।
- पांच दिन की चिकित्सकीय देखरेख के बाद किशोर को अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
नई उम्मीद की मिसाल
इस मामले ने साबित कर दिया है कि आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम से अब गंभीर कार्डियक बीमारियों का इलाज संभव है। यह सफल Heart Hole Surgery Gurugram न केवल किशोर के परिवार के लिए बल्कि उन हजारों मरीजों के लिए भी उम्मीद की किरण है, जो ऐसी बीमारियों से जूझ रहे हैं।