हाईकोर्ट का आदेश: बैंक को लौटाना होगा मकान का कब्जा
राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाया। अदालत ने लोन की किस्त में देरी के मामले में ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के आदेश को रद्द कर दिया। इस हाईकोर्ट का आदेश के तहत बैंक को मकान का कब्जा वापस करना होगा।
याचिकाकर्ता की दलील
जयपुर निवासी रवि गोस्वामी और सविता गोस्वामी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। उनका कहना था कि किस्त में थोड़ी देरी के बाद भी बैंक ने उनका खाता एनपीए घोषित कर दिया। इस पर उन्होंने डीआरटी में चुनौती दी।
डीआरटी का फैसला और विवाद
डीआरटी ने बैंक के पक्ष में आदेश दिया और संपत्ति पर कब्जा करने की अनुमति दी। लेकिन याचिकाकर्ता का कहना था कि उन्हें पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया। इसी कारण उन्होंने हाईकोर्ट का आदेश मांगते हुए अपील की।
बैंक को करना होगा कब्जा वापस
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि उन्होंने अंतरिम आदेश पर करीब 30 लाख रुपये जमा कर दिए थे। इसके बावजूद बैंक ने जयपुर स्थित उनकी संपत्ति कब्जे में ले ली। जस्टिस अनूप ढंड ने माना कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन जरूरी है। इसी आधार पर डीआरटी का आदेश रद्द कर दिया गया।
पुनः सुनवाई का निर्देश
हाईकोर्ट का आदेश है कि डीआरटी दो माह में इस मामले की दोबारा सुनवाई करे। साथ ही, तब तक याचिकाकर्ता को उसकी संपत्ति का कब्जा मिलना चाहिए।