सुप्रीम कोर्ट जाएगी हिमाचल सरकार, सेब पेड़ों की कटाई पर रोक की मांग
सेब पेड़ों की कटाई पर प्रदेश में सियासी और सामाजिक माहौल गरम है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है।
क्या है मामला?
हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि वन भूमि पर अवैध कब्जे में लगे फलदार पेड़ों को हटाया जाए। इस फैसले के बाद प्रशासन ने 12 जुलाई से कोटखाई के चैथला गांव में कार्रवाई शुरू की, जिसमें अब तक 4530 सेब और नाशपाती के पेड़ काटे जा चुके हैं।
बागवानों में गहरा आक्रोश
सेब पेड़ों की कटाई से बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। किसान सभा, सेब उत्पादक संघ और मंत्री रोहित ठाकुर तक ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि फसल के सीजन में पेड़ काटना किसानों पर दोहरी मार है।
सरकार की प्रतिक्रिया
राजस्व और बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने भी बागवानों के हित में हर संभव कानूनी प्रयास करने की बात कही है।
क्या बोले पूर्व मुख्यमंत्री?
पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी कहा कि पेड़ों को काटने के बजाय सरकार को उन्हें अपने नियंत्रण में लेकर उनसे आय अर्जित करनी चाहिए थी।