📍 मंडी, 12 जून (हि.स.) — हिमाचल प्रदेश वन अकादमी सुंदरनगर में हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र जलवायु अनुकूलन परियोजना (KFW) के तहत जिला कांगड़ा (धर्मशाला, देहरा, नूरपुर) एवं जिला चंबा (भरमौर) के प्रतिभागियों के लिए निकास रणनीतियों पर चौथे बैच का चार दिवसीय प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
📚 प्रशिक्षण में सिखाए गए विषय
प्रतिभागियों को स्थायी आजीविका के अवसर, स्वयं सहायता समूहों के सुदृढ़ीकरण, संयुक्त वन प्रबंधन समितियों में वन अग्नि प्रबंधन, वन संसाधनों के संरक्षण में भूमिका व जिम्मेदारियों सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गई।
🌿 व्यावहारिक अनुभव
प्रतिभागियों को सुकेत और वन्य जीव वन मंडल कुल्लू का भी दौरा कराया गया, जहां उन्हें जायका परियोजना के अंतर्गत स्थापित स्वयं सहायता समूह की कार्य प्रणाली, लेखा दस्तावेजों का प्रबंधन और आजीविका सृजन गतिविधियों से अवगत कराया गया।
🎯 समापन कार्यक्रम
समापन अवसर पर वन अकादमी के निदेशक सुभाष चंद पराशर (भारतीय वन सेवा), संयुक्त निदेशक तिलक राज शर्मा (भारतीय वन सेवा), उपनिदेशक पीयूष शर्मा, प्रशिक्षक बेसरी शर्मा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
📌 महत्वपूर्ण तथ्य
• चार दिवसीय प्रशिक्षण में कांगड़ा और चंबा के प्रतिभागी शामिल।
• स्थायी आजीविका, स्वयं सहायता समूह, वन अग्नि प्रबंधन पर केंद्रित।
• सुकेत और कुल्लू वन मंडल का व्यावहारिक दौरा।
• वरिष्ठ वन सेवा अधिकारियों की मौजूदगी में प्रशिक्षण सम्पन्न।