मुख्यमंत्री ने नीलमणि फूकन को जयंती पर नमन किया
गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को प्रख्यात कवि और चिंतक नीलमणि फूकन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने फूकन के साहित्यिक योगदान और उनके सामाजिक दृष्टिकोण की सराहना की।
साहित्यिक योगदान
नीलमणि फूकन, जिन्हें पद्मश्री और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, अपनी कविताओं में गहरी प्रतीकात्मकता और समाज के जटिल मुद्दों को उजागर करने के लिए जाने जाते थे। उनके लेखन में असम की सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं का जीवंत चित्र प्रस्तुत होता है।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि नीलमणि फूकन का साहित्य केवल कविताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर का काम करेगा। उन्होंने फूकन की कविताओं और चिंतन को असम और पूरे देश के साहित्यिक इतिहास में अमूल्य स्थान दिलाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
समर्पण और स्मरण
नीलमणि फूकन की जयंती पर इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन उनके जीवन और कृतित्व को याद करने और नए लेखकों एवं कवियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनाने के उद्देश्य से किया गया। मुख्यमंत्री ने फूकन की रचनाओं को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने और उनके विचारों को जीवित रखने की आवश्यकता पर बल दिया।