Mon, Dec 1, 2025
18 C
Gurgaon

झज्जर के गांव झांसवा व मोहन बाड़ी में फीकी रही होली, नहीं हुआ होलिका दहन

झज्जर, 14 मार्च (हि.स.)। जिला के गांव झांसवा और मोहन बाड़ी के निवासी 6,000 से अधिक लोगों के लिए होली जलाने का इंतजार बहुत लंबा हो चला है। इस बार भी ये लोग होलिका दहन नहीं कर पाए। यहां फाग के रंग भी बहुत फीके रहे फाग खेलने के नाम पर इन गांव में केवल औपचारिकता पूरी की गई। ग्रामीणों की मान्यता है कि जब तक होली के दिन गांव में बछड़ा पैदा नहीं होगा तब तक होलिका दहन नहीं करेंगे।

हरियाणा के अन्य क्षेत्रों की तरह झज्जर के गांव मोहन बड़ी वह झांसवा के आसपास भी हर एक गांव में श्रद्धा उल्लास के साथ होलिका पूजन किया गया। महिलाओं ने होली के दिन सज धज कर अपने बच्चों को साथ ले हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार होलिका की पूजा की। लेकिन मोहन बड़ी वह झांसवा में होली का पूजन तो किया पर दहन नहीं किया गया। महिलाएं दशकों पुरानी परंपरा के अनुसार गाय के गोबर से बने ढाल-बिड़कलों से बनी मालाओं और होली पर चढ़ाई गई लकड़ियों को घर ले गई।

झांसवा गांव के पीके शर्मा ने बताया कि लगभग 100 साल पहले होली के दिन गांव में विशाल होलिका बनाई गई थी। महिलाओं ने होली का पूजन भी किया। बताया जाता है कि होलिका दहन शुरू हुआ तो दो नंदी (गोवंशी) लड़ते-लड़ते जलती हुई होलिका में जा गिरे। ग्रामीणों ने उनको बचाने का बेहद प्रयास किया लेकिन एक की मौत हो गई। जिससे गांव में मातम छा गया। गांव के लोगों ने इस घटना को अशुभ माना। मामले को लेकर पंचायत का आयोजन किया गया। संपूर्ण गोवंश के प्रति अपनी आस्था को देखते हुए ग्रामीणों ने गांव में होलिका दहन न करने का फैसला लिया। यह तय किया गया कि जब तक होली के दिन गांव में बछड़ा जन्म नहीं लगा तब तक होलिका दहन नहीं किया जाएगा। तभी से यहां होलिका दहन नहीं किया जाता। यहां के निवासी जयवीर ने बताया कि घटना के बाद से ही उनके गांव के लोग इस मिथक के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।

मंदिर में होली पर चढ़ाए जाते हैं पंखे

झज्जर निवासियों की श्रद्धा के बड़े केंद्र बाबा प्रसाद गिरी मंदिर में इस बार भी होली के दिन पंखे चढ़ाए गए। जिन लोगों की मन्नतें पूरी हो जाती हैं वे यहां पंखे दान करते हैं। यह परंपरा 300 सालों से चली आ रही है। हर साल की तरह इस बार भी होली उत्सव और भंडारे का आयोजन किया गया। मंदिर के महंत परमानंद महाराज ने बताया कि पहले के जमाने में लोग कागज के पंखे दान करते थे। आज कल लोग बिजली के पंखे, कूलर और एसी दान करने लगे हैं। जिन भक्तों की मन्नतें पूरी होती हैं वे मंदिर में दिल खोलकर ये उपकरण दान देते हैं।

Archita phukan का वायरल वीडियो लिंक, क्या है नजारा?

असम की सोशल मीडिया सनसनी Archita phukan, उर्फ बेबीडॉल आर्ची, ने ‘डेम अन ग्रर’ पर बोल्ड डांस वीडियो से इंटरनेट पर धूम मचा दी। लेकिन MMS लीक और पॉर्न इंडस्ट्री की अफवाहों ने विवाद खड़ा कर दिया। वीडियो में क्या है नजारा, और क्या है सच?

SGT University में नजीब जंग ने की डिस्टेंस और ऑनलाइन एजुकेशन सेंटर की घोषणा!

SGT यूनिवर्सिटी में नजीब जंग ने सिर्फ प्रेरणा नहीं दी, बल्कि एक नई शिक्षा क्रांति की नींव भी रखी। क्या है इसकी खासियत?

SGT विश्वविद्यालय में रक्तदान शिविर: चरक जयंती पर मानवता की अनमोल मिसाल

SGT विश्वविद्यालय में चरक जयंती पर लगे रक्तदान शिविर ने आयुर्वेद की मूल भावना – सेवा और करुणा – को जीवंत किया।

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories