📍 काठमांडू, 10 जून (हि.स.) — नेपाल से संदिग्ध भारतीय नागरिकों को अवैध तरीके से विदेश भेजे जाने के मामले में अब नेपाल के गृह सचिव गोकर्ण मणि दवाडी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। इससे पहले गृह मंत्री रमेश लेखक की भूमिका पर भी सवाल उठ चुके हैं।
नेपाल के एंटी करप्शन ब्यूरो ने गृह सचिव की गतिविधियों पर नजर रखते हुए जांच तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार, भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने जिन आतंकियों और खालिस्तान समर्थकों की सूची नेपाल को सौंपी थी, उन्हें नेपाल के रास्ते विदेश जाने दिया गया, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
अब तक इस मामले में गृह मंत्रालय के सह सचिव और एयरपोर्ट इमिग्रेशन प्रमुख तीर्थराज भट्टराई से पूछताछ हो चुकी है। ब्यूरो के आयुक्त जयबहादुर चंद ने बताया कि बीते 6 महीनों में 1,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को अवैध रूप से नेपाल के जरिए विदेश भेजा गया, जिनमें से 200 से अधिक वांटेड अपराधी और 2 कुख्यात आतंकी भी शामिल हैं।
मामले में गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है और पूरे नेटवर्क की छानबीन की जा रही है।