📍 श्रीनगर, 5 जून — श्रीनगर शहर और घाटी के अन्य शहरों व कस्बों में ईद-उल-अज़हा की खरीदारी के लिए बाजारों में भारी भीड़ देखी जा रही है। ट्रैफिक जाम, फुटपाथ विक्रेताओं से भरे पैदल यात्री मॉल, बलि के जानवरों के बाजारों में खरीदारों की भीड़ और मोल-भाव का माहौल बना हुआ है।
🛍️ उत्साह के बीच खरीदारी
ईद की पूर्व संध्या पर लोगों की उम्मीदों के विपरीत भारी संख्या में कश्मीरी मुस्कुराते हुए उत्साह से त्यौहार मनाने निकले हैं। बेकरी, होजरी आउटलेट और पोल्ट्री की दुकानें ग्राहकों से गुलजार हैं, लेकिन मुख्य ध्यान बलि के जानवरों के बाजारों पर है।
🐐 बलि के जानवरों के बाजार
ईदगाह मैदान में भेड़, बकरियां और ऊँटों के झुंड उपलब्ध हैं। बेहतर नस्ल की भेड़-बकरियां थोड़ी महंगी हैं, जबकि अन्य जानवरों की दरें प्रतिस्पर्धी और उचित हैं।
📜 धार्मिक महत्व
बकरीद का त्यौहार पैगंबर इब्राहीम के पुत्र इस्माइल के बलिदान की याद में मनाया जाता है। इब्राहीम ने अल्लाह के आदेश का पालन करते हुए अपने पुत्र को बलि देने का संकल्प लिया था, लेकिन स्वर्ग से एक भेड़ ने इस्माइल की जगह ली। यह त्यौहार ईश्वर के प्रति समर्पण और बलिदान का प्रतीक है।
🎉 त्यौहार का उत्साह
माता-पिता बच्चों के लिए खिलौने और नए कपड़े खरीद रहे हैं। स्थानीय लोग इस दिन को खुशी और आस्था के साथ मनाते हैं। यातायात पुलिस भी वाहन चालकों और फुटपाथ विक्रेताओं के प्रति नरम रवैया अपनाए हुए हैं।
🌟 कश्मीर में शांति का संदेश
पिछले दशकों में आतंकवाद की भयंकर हिंसा झेल चुके कश्मीर के लोग अब ईद, शिवरात्रि, गुरुपर्व, क्रिसमस और बुद्ध पूर्णिमा जैसे त्योहार शांति और सुकून के साथ मनाने की ओर बढ़ रहे हैं।




